कौन आएगा मई में सांत्वना देने
कोई नहीं आएगा
समय ने मृत्यु का स्वांग रचा है
अगर कोई न आए तो
बारिश तुम आना
आँसुओं की तरह
दो-चार बूँदों की तरह नहीं
सपरिवार आना, झमझमाते आना
चिड़िया तुम आना
पर अकेले मत आना, सपरिवार आना
फैल जाना पूरे घर में
वायु तुम आना, धीरे-धीरे नहीं
सम्पूर्ण वेग से आना, सपरिवार आना
पर मेरे पास अंत में आना
पहले वहाँ जाना जहाँ
तुम्हें विवेक लेकर जाए
मृत्युग्रस्त इस महिने में
गौरव जैसी कोई बात नहीं है
फिर भी तुम सब आना
इसे मेरा अनुरोध मात्र मानना
निर्णय लेने में देर मत करना।
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