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दलित-लेखक ज़िन्दगी-भर झोंपड़ी में ही रहें, यह कैसा दुराग्रह?
शरणकुमार लिम्बाले की आत्मकथा 'अक्करमाशी' से'दलित-आत्मकथा' एक बहुचर्चित साहित्य-विधा है। दलित-कविता तथा समीक्षा के कारण दलित-साहित्य का विकास हुआ, तो दलित-आत्मकथा के कारण यह...