Tag: Akshara Jain
कच्ची उम्र का पक्का रिश्ता
देखा उसने भी था कभी एक सपना ,
मिलेगा उसे भी कोई अपना,
ख्वाब उसने भी हज़ारो सजाए ,
पर लाखों डर भी थे मन में उसके...
कुछ बाक़ी हैं
धुंधला साहिल हैं, तन्हा सा दिल हैं,
हौंसलो का मंज़र गहरा है अबतक..
बंजर है धरती, सूखा हैं आँगन,
मुन्तज़िर हैं निग़ाहें, उस हरियाली की अबतक..
थक चुके...