Tag: Badrinarayan
कौतुक-कथा
धूप चाहती थी, बारिश चाहती थी, चाहते थे ठेकेदार
कि यह बेशक़ीमती पेड़ सूख जाए
चोर, अपराधी, तस्कर, हत्यारे, मंत्री के रिश्तेदार
फ़िल्म ऐक्टर, पुरोहित, वे सब जो...
अपेक्षाएँ
कई अपेक्षाएँ थीं और कई बातें होनी थीं
एक रात के गर्भ में सुबह को होना था
एक औरत के पेट से दुनिया बदलने का भविष्य...
प्रेमगीत
मेरे कुरते में चाँद का कॉलर
और तारे का बटन
मेरे कुरते में
पहाड़ों की पीठ पर प्यासी भागती हिरणी के धुंधते पाँव
मेरे कुरते में
सोने के केशों...