Tag: Bangla Story

Yugal Swapn - Banaphool

युगल स्वप्न

सुधीर आया है। उसके हाथ में रजनीगन्धा का एक फूल है- डण्ठल सहित। आँखों में चमक, होंठों पर मुस्कान। उसका दिल मानों पंख फैलाकर...
Rabindranath Tagore

गूँगी

किसी भी प्रकार की शारीरिक असंगति के साथ एक भारतीय परिवार में जन्म लेना एक लम्बे अरसे तक किसी श्राप से कम नहीं रहा। हालाँकि आज लोग फिर भी इन असंगतियों को स्वीकार करने लगे हैं और ऐसे बच्चों को एक सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं... जहाँ इस प्रेरणा की कमी हो, वहाँ इन असंगतियों के साथ जीना कितना मुश्किल और भयावह होता है, टैगोर की यह कहानी हमें बताती है.. पढ़िए!!
Rabindranath Tagore

अनमोल भेंट

रायचरण बारह वर्ष की आयु से अपने मालिक का बच्‍चा खिलाने पर नौकर हुआ था। उसके पश्चात् काफी समय बीत गया। नन्हा बच्‍चा रायचरण...
Rabindranath Tagore

काबुलीवाला

मेरी पाँच वर्ष की छोटी लड़की मिनी से पल भर भी बात किए बिना नहीं रहा जाता। दुनिया में आने के बाद भाषा सीखने...
satyajit ray

सहपाठी

"मोहित ने विपिन को बुला कर चाय लाने को कहा। इसके साथ उसे यह सोच कर राहत मिली कि केक या मिठाई न भी हो तो कोई ख़ास बात नहीं। इसके लिए बिस्कुट ही काफ़ी होगा।" बीसवीं शताब्दी के सर्वोत्तम फिल्म निर्देशकों में से एक, सत्यजित राय की यह कहानी सहज ही बताती है कि सत्यजित इतने सफल क्यों रहे! जिस सत्य को हमारा स्वार्थ, आत्मकेंद्रित होने की प्रवृत्ति, अनदेखी या फिर बड़े वर्ग का लाइफस्टाइल झुठला देता है, वही सच एक छोटे से बच्चे के चेहरे का भेष लेकर सूरज की तरह हमारे सामने चमकने लगता है! ज़रूर पढ़िए यह कहानी 'सहपाठी'!
Sarat Chandra Chattopadhyay

अनुपमा का प्रेम

'अनुपमा का प्रेम' - शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ग्यारह वर्ष की आयु से ही अनुपमा उपन्यास पढ़-पढ़कर मष्तिष्क को एकदम बिगाड़ बैठी थी। वह समझती थी,...
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