Tag: Diary
दुःख, दर्द और उम्मीद का मौसम (अनन्य मुखर्जी की कैंसर डायरी)
'ठहरती साँसों के सिरहाने से' अनन्या मुखर्जी की डायरी है जो उन्होंने 18 नवम्बर, 2018 को स्तन कैंसर से लड़ाई हार जाने से पहले...
कुछ दूर चलते ही
घर में आख़िरी रात। समान लगाने की प्रक्रिया में भावनाओं को रोकना एक मुश्किल काम है। भावनाएँ जो इतने दिन दिल्ली में रहने से...
बिखरा-बिखरा, टूटा-टूटा : कुछ टुकड़े डायरी के (चार)
आदमी, शरीर से ही नहीं थकता, मन से भी थकता है। मन से थका हुआ आदमी सहानुभूति का विषय है, शरीर से थका हुआ...
बिखरा-बिखरा, टूटा-टूटा : कुछ टुकड़े डायरी के (तीन)
कल रात मैंने चश्मे के टूटे हुए काँच को जोड़ते हुए महसूस किया कि टूटे हुए को जोड़ना बहुत धैर्य का काम है। इसके...
बिखरा-बिखरा, टूटा-टूटा : कुछ टुकड़े डायरी के (एक)
बहुत बुरा वक़्त है। ऐसा लगा था सब ठीक होने वाला है। लेकिन बुरा वक़्त इतनी जल्दी पीछा कहाँ छोड़ता है? श्मशान लाशों से...
इंस्टा डायरी: उदास शहर की बातें
जाड़े की सर्दी में खुरदरी दीवार से सटकर रात बिताती मन की नंगी पीठ। अलकतरे से भी ज़्यादा काली रात में काली बिल्ली की...
नवम्बर डायरी
सुबह की धूप सेंक रहा हूँ, सोच रहा हूँ काश मन की शिकायतों का बोझ अगर पिघल जाता तो कितना सुंदर होता। एक घेरा...
प्रमोद रंजन की किताब ‘शिमला डायरी’ [समीक्षा: देविना अक्षयवर]
जिसे आज 'पहाड़ों की रानी' कहा जाता है, वह कभी उत्तरी भारत के इस हिमालयी राज्य का एक छोटा-सा गाँव हुआ करता था। अँग्रेज़ों...
इंस्टा डायरी (पाँचवीं किश्त)
Insta Diary (Part Five) - Diary in Hindi - Gaurow Gupta
अक्सर हम जहाँ होते हैं, वहाँ सचमुच में नहीं होते। और कोई चुपके से...
‘तुम्हारे लिए’ – इंस्टा डायरी (चौथी किश्त)
जब वह कमरे से बाहर निकला तो कई रास्ते उसे दिख रहे थे। उसे नहीं पता, कौन-से रास्ते उसे मंज़िल तक ले जाएँगे। अगर...
‘तुम्हारे लिए’ – इंस्टा डायरी (तीसरी किश्त)
खामोशी... गहन खामोशी... दोपहर चूम रही है सूखे गुलाब को.. बालकनी में बैठी लड़की उस सूखे गुलाब को निहार रही है... वो उसमें आत्मा...
इंस्टा डायरी (दूसरी किश्त)
मुझे मेरी परछाई से शिकायत है, वह मेरी ठीक-ठीक आकृति नहीं बनाती। वह कभी मेरे कद से छोटा तो कभी मेरे कद से बड़ा तो कभी-कभी...