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Shamser Bahadur Singh

ईश्वर अगर मैंने अरबी में प्रार्थना की

यह कविता यहाँ सुनें: https://youtu.be/btEtNpgbADs ईश्वर अगर मैंने अरबी में प्रार्थना की, तू मुझसे नाराज़ हो जाएगा? अल्लमह यदि मैंने संस्कृत में संध्या कर ली तो तू मुझे दोज़ख़ में डालेगा? लोग...
Leaves, Leaf, Difference, Different but same

रंगरेज़

'Rangreza', a poem by Ashok Singh 'Ashk' सुना है... तुम रंगरेज़ हो शहर को रंगों से सजाने का काम है तुम्हारा। तो इस उदास नीरस शहर को रंगते क्यों नही। स्साब... मेरे रंग कब से...
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