Tag: Doubt
शायद
देखो कहीं भी देखो
कहीं भी देख सकते हो तुम
कोई पाबन्दी नहीं है
पतंग देखो
या पड़ोस की लड़की
वृक्ष देखो
या सड़क पर दौड़ते वाहन
ख़ुद को देखो
या मटर की फलियाँ
कोई...
भ्रम, सच, भेंट
Poems: Gaurav Bharti
भ्रम
द्वारका सेक्टर-तीन के
तिरंगा चौक ट्रैफ़िक सिग्नल पर
अगरबत्तियाँ बेचती बच्चियाँ
खटखटाती हैं कार के मोटे ग्लास वाली खिड़की
जो कभी नहीं सरकती
मैं डीटीसी बस की एक सीट...
राजा निरबंसिया
"चन्दा, आदमी को पाप नहीं, पश्चाताप मारता है, मैं बहुत पहले मर चुका था। बच्चे को लेकर जरूर चली आना।"
"मैं जानता हूँ कि मेरे जहर की पहचान करने के लिए मेरा सीना चीरा जाएगा। उसमें जहर है। मैंने अफीम नहीं, रूपए खाए हैं। उन रूपयों में कर्ज का जहर था, उसी ने मुझे मारा है।"