Tag: Eyes
तुम्हारी आँखें
ज्वार से लबालब समुद्र जैसी तुम्हारी आँखें
मुझे देख रही हैं
और जैसे झील में टपकती हैं ओस की बूँदें
तुम्हारे चेहरे की परछाईं मुझमें प्रतिक्षण
और यह सिलसिला...
मेरी आँखों का दौलतपुर
बीता हुआ और बीत रहा हर एक क्षण स्मृति बनता चला जाता है। कुछ स्मृतियाँ सिर्फ़ स्मृतियाँ न रहकर अंतस पटल पर शिलालेख-सी अमिट...
एक आँख वाला इतिहास
मैंने कठैती हड्डियों वाला एक हाथ देखा—
रंग में काला और धुन में कठोर।
मैंने उस हाथ की आत्मा देखी—
साँवली और कोमल
और कथा-कहानियों से भरपूर!
मैंने पत्थरों...
आँखें
उसके सारे जिस्म में मुझे उसकी आँखें बहुत पसन्द थीं।
ये आँखें बिल्कुल ऐसी ही थीं जैसे अन्धेरी रात में मोटर कार की हेडलाइट्स जिनको आदमी...
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उसके शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों...
सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है
सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है
इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यूँ है
दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँढे
पत्थर...
तर्क वाली आँखें
'Tark Wali Aankhein', a poem by Usha Dashora
जब गाँव की लड़कियाँ
स्कूल जाती हैं
तब रूढ़ियों के सर पर
उग आती हैं
तर्क वाली आँखें
झाड़-फूँक पढ़ने लगते हैं
विज्ञान...
तुम्हारी आँखें
'Tumhari Aankhein', Hindi Kavita by Harshita Panchariya
1
मैं कुछ गहरा पढ़ना चाहती थी
और मैंने पढ़ ली
तुम्हारी आँखें।
2
तुम्हारी आँखें
संसार की सबसे
सुंदर भाषा बोलती हैं
पर
उसका कोई अनुवादक...
पर आँखें नहीं भरीं
कितनी बार तुम्हें देखा
पर आँखें नहीं भरीं
सीमित उर में चिर असीम
सौन्दर्य समा न सका
बीन मुग्ध बेसुथ कुरंग
मन रोके नहीं रुका
यों तो कई बार पी-पीकर
जी...
आँखों में मरते सपने
'Aankhon Mein Marte Sapne', a poem by Santwana Shrikant
उन लाखों युवतियों के नाम
लिख रही हूँ दो शब्द,
जिनकी देह पर तोड़ देती है
अंधी मर्दानगी अपना...
पिघलती नींदें
तुम बोते हो नींदें
इसलिए
कि सपनों की फ़सल काट सको
लेकिन कभी सोचा है तुमने
उन जलती सुलगती
आँखों के बारे में
जिनके सपने हर रात के बाद
फट पड़ते...
ख़ुद दिल में रह के आँख से पर्दा करे कोई
ख़ुद दिल में रह के आँख से पर्दा करे कोई
हाँ लुत्फ़ जब है पा के भी ढूँढा करे कोई
तुम ने तो हुक्म-ए-तर्क-ए-तमन्ना सुना दिया
किस दिल...