Tag: feminism
विनीता अग्रवाल की कविताएँ
विनीता अग्रवाल बहुचर्चित कवियित्री और सम्पादक हैं। उसावा लिटरेरी रिव्यू के सम्पादक मण्डल की सदस्य विनीता अग्रवाल के चार काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके...
अंश: हम सभी को फ़ेमिनिस्ट होना चाहिए (We Should All Be Feminists)
यह अंश यहाँ सुनें:
https://youtu.be/KrxOnltCsNk
मूल व्याख्यान: हम सभी को फ़ेमिनिस्ट होना चाहिए (We Should All Be Feminists)
लेखिका: चिमामाण्डा न्गोज़ी आदीच्ये (Chimamanda Ngozi Adichie)
अनुवाद: दिव्याक्षी
जिस तरह...
मर्द और औरत
मर्द - औरत का पहला कर्तव्य बच्चों की परवरिश है!
औरत - मर्द का पहला कर्तव्य बच्चों का हकदार होना है!
मर्द - क्या मतलब?
औरत - मतलब यह कि औरत को बच्चे पालने का हुक्म लगा दिया लेकिन बच्चे होते किसकी मिलकियत हैं!
मर्द - बाप की!
औरत - तो फिर मैं उनको क्यूँ पालूँ! जिसकी मिलकियत हैं वह स्वयं पाले!
सीता और काली की बाइनरी से अछूती नहीं है ‘बुलबुल’
मनोरंजन के 'तीसरे' परदे के रूप में उभरे नेटफ़्लिक्स पर आयी फ़िल्म 'बुलबुल' इन दिनों ख़ूब चर्चा में है। चर्चा का मुख्य विषय है...
बातचीत: ‘मिसॉजिनि क्या है?’
पढ़िए तसनीफ़ और शिवा की मिसॉजिनि (Misogyny (शाब्दिक अर्थ: स्त्री द्वेष)) पर एक विस्तृत बातचीत। तसनीफ़ उर्दू शायरी करते रहे हैं, उन्होंने एक नॉविल...
औरत और नमक
इज़्ज़त की बहुत-सी क़िस्में हैं
घूँघट, थप्पड़, गन्दुम
इज़्ज़त के ताबूत में क़ैद की मेख़ें ठोंकी गई हैं
घर से लेकर फ़ुटपाथ तक हमारा नहीं
इज़्ज़त हमारे गुज़ारे...
होना/सोना एक ख़ूबसूरत दुश्मन के साथ
(परम पावन पूज्यपाद नामवराचार्य के श्री चरणों में)
इन औरतों ने तो मार मुसीबत खड़ी कर रखी है। प्राण ले लिए। न जाने कहाँ-कहाँ से...
क्षणिकाएँ
नक़्शे
भूगोल की कक्षा में
अव्वल आई लड़की,
बनाती है नक़्शे
कई देशों के
और
उन्हें तवे पर सेक देती है।
चाहतें
औरत ढूँढ रही है
साथ देने वाला आदमी
उस समाज में जहाँ
आदमी
सिर्फ़...
पत्नियाँ और प्रेमिकाएँ
'Patniyaan Aur Premikaaein' : Poems by Ekta Nahar
1
पत्नियाँ कर रही होती हैं अपडेट
डिजिटल कैमरे से कराये फ़ोटोशूट
प्रेमिकाएँ चुपके से सहेज रही होती हैं
प्रेमी के साथ...
कब तक
कब तक मुझ से प्यार करोगे
कब तक?
जब तक मेरे रहम से बच्चे की तख़्लीक़ का ख़ून बहेगा
जब तक मेरा रंग है ताज़ा
जब तक मेरा...
सन्नाटा
"पत्नी की गौरव-गाथा निस्पृह भाव से सुनने की सामर्थ्य उनमें कहाँ है। तभी न बुखार हो आया है।"
सुनो लड़की
सुनो लड़की!
शक्लें छिपाए और
आँखें गड़ाए हुए
गिद्ध जैसे निशाना साधे
बैठे हैं कई लोग यहाँ।
तुम छुपना मत
आँखें नीची मत करना,
दुपट्टा कहीं खिसका तो नहीं,
इसकी भी परवाह...