Tag: Fire

Bhagwat Rawat

आग पेटी

फिर से खाया धोखा इस बार रत्ती भर नहीं आयी समझदारी ले आया बड़े उत्साह से सीली हुई बुझे रोगन वाली दियासलाई घर में समझकर सचमुच की आग पेटी बिल्कुल...
Abhigyat

आग का पर्याय है कविता

मैं शब्दों पर शब्दों का ढेर लगाता हूँ उपमाओं की उपमाओं से अलंकारों की अलंकारों से बनाता चलता हूँ शृंखला जो और जैसे भी छंद अँटते व जँचते ही नहीं बल्कि ख़ुद...
Fire

आग : तीन कविताएँ

1 आग उतनी ही होनी चाहिए थी जिसको घेरा जा सके, जिसके निकट बिना डरे जाया जा सके, जिसको ले जाया जा सके किसी डरे हुए के पास हिम्मत बंधाने के लिए, जो...
Fire, Riots, Curfew

आग

'Aag', a poem by Poonam Sonchhatra आग... बेहद शक्तिशाली है जला सकती है शहर के शहर फूँक सकती है जंगल के जंगल आग... नहीं जानती सजीव-निर्जीव का भेद वह नहीं...
Harshita Panchariya

स्मृतियाँ, आग

Poems: Harshita Panchariya स्मृतियाँ देह के संग्रहालय में स्मृतियाँ अभिशाप हैं और यह जानते हुए भी मैं स्मृतियों की शृंखला जोड़ने में लगी हूँ सम्भवतः 'जोड़ने की कोशिश' तुम्हें भुलाने की क़वायद में एकमात्र...
Ibne Insha

दिल पीत की आग में जलता है

दिल पीत की आग में जलता है, हाँ जलता रहे, उसे जलने दो इस आग से लोगों दूर रहो, ठण्डी न करो, पंखा न झलो हम...
Tribe, Village, Adivasi, Labour, Tribal, Poor

तुम में भी आग दहकती है जीवन की

तुम मैदानों और पहाड़ों के बीच झूलते हो किसी अदृश्य झूले में तुम में आग दहकती है जीवन की पहाड़ दर पहाड़ की चढ़ाई करके पहुँच जाते हो जीवन...
Matchstick, Hands, Light, Fire

आग का सबसे सुन्दर इस्तेमाल औरतों ने किया है

फूल-सी बेटियाँ को इस तरह कुचला जाता है दहलीज़ पर जरा भी चरमराहट नहीं होती पुरुषों ने सुन्दरता को इस तरह रौंदा जैसे आग के इतिहास में जला हुआ हिरोशिमा वह जलने के...

सिर पर आग

सिर पर आग पीठ पर पर्वत पाँव में जूते काठ के क्या कहने इस ठाठ के। यह तस्वीर नई है भाई आज़ादी के बाद की जितनी क़ीमत खेत की कल थी उतनी क़ीमत खाद...
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