Tag: Fragile Masculinity

Saadat Hasan Manto

ख़ुशिया

ख़ुशिया सोच रहा था। बनवारी से काले तम्बाकूवाला पान लेकर वह उसकी दुकान के साथ लगे उस संगीन चबूतरे पर बैठा था जो दिन के...
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