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Gagan Gill

‘यह आकांक्षा समय नहीं’ से कविताएँ

जा कर प्रतीक्षा करती-करती सोयी वह रोयी जा कर दूसरे जन्म में। घड़ी जिसकी प्रतीक्षारत उसके सिर में आज के दिन टाइम-बम एक घड़ी जिसकी ख़राब थी बारूद जिसका चालू। फिर सिर देखा उस मायावी को फिर रात सपने में फिर सिर सफ़ेद था सुबह उठने पर। एक...
Gagan Gill

लड़की बैठी है हँसी के बारूद पर

'एक दिन लौटेगी लड़की' से लड़की बैठी है हँसी के बारूद पर उसकी हँसी में न स्मृति है, न कारण, न हिंसा सिर्फ़ अँधेरे का एक डर है जो...
Gagan Gill

देह की मुण्डेर पर

एक निजी कथन से अपनी बात शुरू करना चाहती हूँ। मैं कवि हूँ, लेकिन हर समय नहीं। स्वतंत्र भी मैं उतनी ही हूँ जितना...
Dilli Mein Uninde - Gagan Gill

गगन गिल कृत ‘दिल्ली में उनींदे’

विवरण: इस पृथ्वी के एक जीव के नाते मेरे पास ठोस की जकड़ है और वायवीय की माया । नींद है और जाग है। सोये...
Deh Ki Munder Par - Gagan Gill

गगन गिल कृत ‘देह की मुँडेर पर’

विवरण: हर देह एक मुँडेर है। उसकी सीमा से आगे संसार शुरू होता है। संसार, जिसका रहस्य, जिसमें अपनी उपस्थिति का आशय, हमें समझना होता...
Ityadi - Gagan Gill

गगन गिल कृत ‘इत्यादि’

विवरण: हम समझते हैं, हमने एक शाम के बाद दूसरी सुबह शुरू की है, समुन्दर में हमारी नौका वहीं पर रुकी रही होगी। नौका बहते-बहते...
nayi kitaab - andhere mein buddha

गगन गिल कृत ‘अँधेरे में बुद्ध’

विवरण: गगन गिल का समूचा रचना-संसार धीरे-धीरे बुना गया एक ऐसा प्रशान्त संसार है जिसमें कई तरह के उत्तप्त विकल्प दीख तो पड़ते हैं लेकिन...
nayi kitaab - main jab tak aai bahar

गगन गिल कृत ‘मैं जब तक आयी बहार’

विवरण: ‘मैं क्यों कहूँगी तुम से/अब और नहीं/सहा जाता/मेरे ईश्वर’- गगन गिल की ये काव्य-पंक्तियाँ किसी निजी पीड़ा की ही अभिव्यक्ति हैं या हमारे समय...
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