Tag: Gender Discrimination

Rashid Jahan

मर्द और औरत

मर्द - औरत का पहला कर्तव्य बच्चों की परवरिश है! औरत - मर्द का पहला कर्तव्य बच्चों का हकदार होना है! मर्द - क्या मतलब? औरत - मतलब यह कि औरत को बच्चे पालने का हुक्म लगा दिया लेकिन बच्चे होते किसकी मिलकियत हैं! मर्द - बाप की! औरत - तो फिर मैं उनको क्यूँ पालूँ! जिसकी मिलकियत हैं वह स्वयं पाले!
Suryakant Tripathi Nirala

बाहरी स्वाधीनता और स्त्रियाँ

अब वह समय नहीं रहा कि हम स्त्रियों के सामने वह रूप रक्खें, जिसके लिए गोस्वामी तुलसीदासजी ने 'चित्र-लिखे कपि देखि डेराती' लिखा है।...
Woman, Painted Face, Angry

बातचीत: ‘मिसॉजिनि क्या है?’

पढ़िए तसनीफ़ और शिवा की मिसॉजिनि (Misogyny (शाब्दिक अर्थ: स्त्री द्वेष)) पर एक विस्तृत बातचीत। तसनीफ़ उर्दू शायरी करते रहे हैं, उन्होंने एक नॉविल...
Cupboard

बाबा की अलमारी

रहस्यमयी लगती थी हम बहनों को हरे रंग की बाबा की छोटी अलमारी, मुरचाई मैली-सी फिर भी लगती हमको प्यारी। यूँ तो घर के हर कोने में होती अपनी आवाजाही पर उसको छूने...
Om Purohit Kagad

पुरुष का जन्म

काँसे के थाल घनघनाए चारदीवारी में ऊँची अटारी पर पुरुष के जन्म पर। स्त्री के हाथों का कोमल स्पर्श शायद गिरवी था पुरुष के यहाँ तभी तो थाली पर पड़ती थाप में पौरुष था मुखर! उस दिन दिन-भर बँटीं भरपूर मिठाइयाँ,...
Woman behind a leaf

तुम स्त्री हो

'Tum Stree Ho', a poem by Mahima Shree सावधान रहो, सतर्क रहो किससे? कब? कहाँ? हमेशा रहो! हरदम रहो! जागते हुए भी, सोते हुए भी। क्या कहा! ख़्वाब देखती हो? उड़ना चाहती...

तुम्हारा माँस-मछली खाना

'Tumhara Maans Machhli Khana', a poem by Ritika Srivastava 'सुनो तुम तो खाती नहीं होंगी माँस और मछली' फिर गर्व से उसने कहा- नहीं, नहीं छूती मैं कई...
Adarsh Bhushan

बीती उम्र की लड़की

'Beeti Umr Ki Ladki', a poem by Adarsh Bhushan खेत में चहकती हुई चिड़ियों को उड़ाते-उड़ाते, और बाग़ीचों से आम तोड़कर भागते, पता नहीं कब मेरा बचपन...
Girl, Woman

भागी हुई लड़कियों के घर

वो लड़कियाँ जिनके घर छूट गये जिन्होंने घर छोड़ दिया या जो लड़कियाँ भाग गईं व्यवस्थाओं में ढलने के इनकार के साथ ऐसी लड़कियों को सूँघ-सूँघ कर खोजा गया पृथ्वी...
Sunset

माँ की बिंदी

माँ आज से बिंदी नहीं लगायेंगी, पापा के जाने के बाद से कोई और शृंगार भी न करें अब शायद। मैंने जाना था, घर के दक्खिन से उगते...
Girl, Woman

व्याहने योग्य लड़की

वयस्क होने से ज़रूरी वयस्क लगना है ये बात मैं खुद को सौ बार दुहराती हूँ व्याहने आएगा मुझे एक योग्य वर, और लाएगा कुंजी मेरे जीवन...
Little Girl

अंकल, आई एम तिलोत्तमा!

'पहचान और परवरिश' कौन है ये? मेरी बिटिया है, इनकी भतीजी है, मट्टू की बहन है, वी पी साहब की वाइफ हैं, शर्मा जी की बहू है। अपने बारे में भी...
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