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परवीन साकेत की कविताएँ
परवीन साकेत उपन्यास 'उर्मिला' और कविता संग्रह 'ए टिंज ऑफ़ टर्मरिक' की लेखिका हैं। परवीन 'द बॉम्बे लिटरेरी मैगज़ीन' में पोएट्री एडिटर हैं और...
रूप कथाओं के चमकते नायक
प्रेम जताने से अधिक
प्रेम निभाना ज़रूरी होता है
इतनी साधारण बात हैपर वे
कभी तुम्हारी मूँछों पर तो कभी चाल पर
तो कभी तुम्हारे रुआब पर मर...
पीहू
मैं मौसी को टैब पर सबवे-सर्फ़र खेलना सिखा रही थी। पूरे बग़ीचे में भँवरे फुदक-फुदक कर रहे थे। नानी पेड़ों में पानी लगा रही...
छत और लड़कियाँ
छत पर खड़ी लड़की
देख रही है अनगिनत घर
जो उसके घर से रंग-ढंग में भिन्न होकर भी
बिलकुल एक-से हैं।
उन सारे घरों में
उसकी ही तरह
कई लड़कियाँ...
कविताएँ: दिसम्बर 2021
अंशतः अमान्य विचारों का समीकरण
वह प्रभावकारी नहीं है
उसमें संवेदन को परिवर्तित करने की क्षमता नहीं
उससे समाज नहीं बनता है
उसके स्रष्टा दो-तीन प्रकार के नहीं...
आपके गणतंत्र की एक स्त्री की प्रेमकथा
एक स्त्री प्यार करना चाहती थी
लेकिन प्यार करने से चरित्र नष्ट होता हैस्त्री प्यार करना चाहती थी
किन्तु चरित्र नहीं नष्ट करना चाहती थीएक स्त्री...
नूइत ज़ारकी की कविता ‘विचित्रता’
नूइत ज़ारकी इज़राइली कवयित्री हैं जो विभिन्न साहित्य-सम्बन्धी पुरस्कारों से सम्मानित हैं। प्रस्तुत कविता उनकी हीब्रू कविता के तैल गोल्डफ़ाइन द्वारा किए गए अंग्रेज़ी...
आशिका शिवांगी सिंह की कविताएँ
माँ-पिता प्रेमी-प्रेमिका नहीं बन सके
मेरी माँ जब भी कहती है—
"प्रेम विवाह ज़्यादा दिन नहीं चलते, टूट जाते हैं"
तब अकस्मात ही मुझे याद आने लगते...
या देवी
1सृष्टि की अतल आँखों में
फिर उतरा है शक्ति का अनंत राग
धूम्र गंध के आवक स्वप्न रचती
फिर लौट आयी है देवी
रंग और ध्वनि का निरंजन...
अठन्नी, चवन्नी और क्रमशः
इस बार उन्हें नहीं था मोह
स्वर्ण-मृग का
फिर भी खींची गई थीं लक्ष्मण रेखाएँवे पढ़ीं, आगे बढ़ीं
लक्ष्मण रेखाएँ लाँघकर
रावण से जा भिड़ींगूँजते आए थे स्वर
नेपथ्य...
समीक्षा: ‘एक बटा दो’
किताब: 'एक बटा दो'
लेखिका: सुजाता
प्रकाशक: राजकमल प्रकाशनसमीक्षा/टिप्पणी: महेश कुमार
स्त्री निर्मिति की विभिन्न चरणों की पड़ताल करके उससे बाहर निकलने का स्त्रीवादी विश्लेषण है 'एक...
संध्या चौरसिया की कविताएँ
किसी आश्वस्त बर्बर की तरह
अपनी अनायास प्रवृत्तियों में
मैं देश का मध्यम हिस्सा हूँ
जो पाश की कविता में बनिया बनकर आता है
जिसे जीना और प्यार...