Tag: स्त्री
संध्या चौरसिया की कविताएँ
किसी आश्वस्त बर्बर की तरह
अपनी अनायास प्रवृत्तियों में
मैं देश का मध्यम हिस्सा हूँ
जो पाश की कविता में बनिया बनकर आता है
जिसे जीना और प्यार...
यदि आप महिला हैं, और लिखती हैं, तो दो बातें होंगी
'आलोचना का स्त्री पक्ष' सुजाता को अस्मिता-विमर्श की संश्लिष्ट धारा की प्रतिनिधि के रूप में सामने लाती है। वह गहन शोध द्वारा इतिहास के...
पायल भारद्वाज की कविताएँ
दुःख जुड़ा रहा नाभि से
नाराज़गी का बोझ उठा सकें
इतने मज़बूत कभी नहीं रहे मेरे कंधे
'दोष मेरा नहीं, तुम्हारा है'
यह कहने के बाद मन ने...
वो लड़की
लड़की जानती है उसके हाथों में
सुख की रेखाएँ हल्की हैं
वह समय के बर्तन में
भय को घोंटते हुए साहस निथार रही है
उसे जीवन के कान...
बेखटके
नींद इतनी कम और जलन इतनी ज़्यादा कि
सड़क किनारे
सोते कुत्ते को देख भर जाती हूँ जलन से
इतनी कमियाँ हैं जीवन में कि
पानी के तोड़...
अंश: हम सभी को फ़ेमिनिस्ट होना चाहिए (We Should All Be Feminists)
यह अंश यहाँ सुनें:
https://youtu.be/KrxOnltCsNk
मूल व्याख्यान: हम सभी को फ़ेमिनिस्ट होना चाहिए (We Should All Be Feminists)
लेखिका: चिमामाण्डा न्गोज़ी आदीच्ये (Chimamanda Ngozi Adichie)
अनुवाद: दिव्याक्षी
जिस तरह...
सुजाता – ‘एक बटा दो’
सुजाता के उपन्यास 'एक बटा दो' से उद्धरण | Quotes from 'Ek Bata Do', a novel by Sujata
चयन: पुनीत कुसुम
"आवारा होने की चाह नदी...
कायनात की कविताएँ
1
इश्क़,
तुम मेरी ज़िन्दगी में आओ तो यूँ आओ
कि जैसे किसी पिछड़े हुए गाँव में
कोई लड़की घण्टों रसोई में खपने के बाद
पसीने से भीगी बाहर...
पूजा शाह की कविताएँ
पाज़ेब
पाज़ेब पाँवों में नहीं
स्तनों पर पहनने से सार्थक होंगी
जब औरतें क़दम रखती हैं
पकौड़ियों की थाली लिए
आदमियों से भरे कमरे में
उनकी गपशप के बीच
या जब...
लुचिल्ला त्रपैज़ो की कविताएँ
लुचिल्ला त्रपैज़ो स्विस इतालवी कवयित्री हैं। उनके चार कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं और उनकी रचनाएँ कई भाषाओं में अनूदित भी हो चुकी...
कमला दास की कविता ‘परिचय’
मूल कविता: 'An Introduction'
कवयित्री: कमला दास
भावानुवाद: दिव्या श्री
मैं राजनीति के बारे में कुछ नहीं जानती
लेकिन उन नामों को जानती हूँ
जो सत्ता के शिखर पर...
एदुआर्दो गालेआनो की चुनी हुई रचनाएँ (‘आग की यादें’ से)
किताब: 'आग की यादें'
प्रकाशक: गार्गी प्रकाशन
सम्पादक: रेयाज़ुल हक़
अनुवाद : पी. कुमार मंगलम
चयन एवं प्रस्तुति : आमिर
साइकिल
साइकिलों ने दुनिया में औरतों को आज़ाद करने में...