Tag: Hands
हाथ
1
यह सुख भी असह्य हो जाएगा
यह पूरे संसार का
जैसे एक फूल में सिमटकर
हाथ में आ जाना
यह एक तिनके का उड़ना
घोंसले का सपना बनकर
आकाश में
यह...
दुनिया और हाथ
1
एक कवि ने कहा-
'दुनिया को हाथ की तरह गर्म और सुन्दर होना चाहिए'*
यह बात दुनिया और हाथ
दोनों के लिए अच्छी थी
फिर एक दिन
दुनिया की...
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था
व्यक्ति को मैं नहीं जानता था
हताशा को जानता था
इसलिए मैं उस व्यक्ति के पास गया
मैंने हाथ बढ़ाया
मेरा हाथ...
हाथ खोल दिए जाएँ
मेरे हाथ खोल दिए जाएँ
तो मैं
इस दुनिया की दीवारों को
अपने ख़्वाबों की लकीरों से
सियाह कर दूँ
और क़हर की बारिश बरसाऊँ
और इस दुनिया को अपनी...
ख़ाली हाथ, कविता ने
कविता संग्रह 'भेड़ियों ने कहा शुभरात्रि' से
ख़ाली हाथ
समुद्र के किनारे
रेत पर लिखता हूँ
कविता...
लहरें आती हैं
और बहाकर ले जाती हैं
मेरे शब्द...
लौटता हूँ घर
ख़ाली हाथ
रोज़ बरोज़...
रोज़...
लाओ अपना हाथ
लाओ अपना हाथ मेरे हाथ में दो
नये क्षितिजों तक चलेंगे
हाथ में हाथ डालकर
सूरज से मिलेंगे।
इसके पहले भी
चला हूँ लेकर हाथ में हाथ
मगर वे हाथ
किरनों के...
भवें तनती हैं, ख़ंजर हाथ में है, तन के बैठे हैं
भवें तनती हैं, ख़ंजर हाथ में है, तन के बैठे हैं
किसी से आज बिगड़ी है कि वो यूँ बन के बैठे हैं
दिलों पर सैकड़ों...
रोशन हाथों की दस्तकें
प्राची की साँझ
और पश्चिम की रात
इनकी वयःसंधि का
जश्न है आज
मज़ारों पर चिराग बालने वाले हाथ
(जो शायद किसी रुह के ही हों)
ठहर जाएँ।
नदियों पर दिये बहाने...
रैनी चढ़ी रसूल की सो रंग मौला के हाथ
रैनी चढ़ी रसूल की सो रंग मौला के हाथ।
जिसके कपरे रंग दिए सो धन-धन वाके भाग॥
खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूँ पी के संग।
जीत...
हाथ सीने पे मिरे रख के किधर देखते हो
हाथ सीने पे मिरे रख के किधर देखते हो
इक नज़र दिल से इधर देख लो गर देखते हो
है दम-ए-बाज़-पसीं देख लो गर देखते हो
आईना...