Tag: Harish Bhadani

Harish Bhadani

सभी सुख दूर से गुज़रें

सभी सुख दूर से गुज़रें गुज़रते ही चले जाएँ मगर पीड़ा उमर भर साथ चलने को उतारू है! हमको सुखों की आँख से तो बाँचना आता नहीं हमको...
Harish Bhadani

ओ मेरे सब अपनो तुमसे

ओ मेरे सब अपनो तुमसे मुझे बग़ावत करनी होगी! अब तक जी ली गई उमर को मैंने तीखी धूप खिलायी, सूरज की सौगंध मुझे है मैंने भर-भर प्यास पिलायी, अब...
Harish Bhadani

तेरी-मेरी ज़िन्दगी का गीत एक है

तेरी-मेरी ज़िन्दगी का गीत एक है क्या हुआ जो रागिनी को पीर भा गई क्या हुआ जो चाँदनी को नींद आ गई स्याह घाटियों में कोई बात खो गई क्या...
Harish Bhadani

रहीं अछूती

रहीं अछूती सभी मटकियाँ मन के कुशल कुम्हार की रहीं अछूती... साधों की रसमस माटी फेरी साँसों के चाक पर, क्वांरा रूप उभार दिया सतरंगी सपने आँककर हाट सजायी आहट सुनने कंगनिया झन्कार की... रहीं...
Harish Bhadani

रोटी नाम सत है

रोटी नाम सत है खाए से मुगत है ऐरावत पर इन्दर बैठे बाँट रहे टोपियाँ झोलियाँ फैलाए लोग भूग रहे सोटियाँ वायदों की चूसणी से छाले पड़े जीभ पर रसोई में लाव-लाव भैरवी...
Leaf, Autumn, Plant

ओ अपाहिज आस्थाओं

ओ अपाहिज आस्थाओ! घुटन-कुण्ठा-अहम् भुभुक्षा की चौकोर शैयां पर लेटी रहो- चीखो नहीं, यह नहीं होगा कि- मैं तुम पर दया करने तुम्हारे पायताने लौट आऊँ, जीव हत्या के बहाने से...
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