Tag: Hasrat Mohani
चुपके-चुपके रात-दिन आँसू बहाना याद है
चुपके-चुपके रात-दिन आँसू बहाना याद है
हमको अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
बा-हज़ाराँ इज़्तिराब ओ सद-हज़ाराँ इश्तियाक़
तुझसे वो पहले-पहल दिल का लगाना याद...
न सही गर उन्हें ख़याल नहीं
न सही गर उन्हें ख़याल नहीं
कि हमारा भी अब वो हाल नहीं
याद उन्हें वादा-ए-विसाल नहीं
कब किया था यही ख़याल नहीं
ऐसे बिगड़े वो सुन के...
देखना भी तो उन्हें दूर से देखा करना
देखना भी तो उन्हें दूर से देखा करना
शेवा-ए-इश्क़ नहीं हुस्न को रुस्वा करना
इक नज़र भी तेरी काफ़ी थी प-ए-राहत-ए-जाँ
कुछ भी दुश्वार न था मुझको...
आप ने क़द्र कुछ न की दिल की
'Aapne Qadr Kuchh Na Ki Dil Ki'
a ghazal by Hasrat Mohani
आप ने क़द्र कुछ न की दिल की
उड़ गई मुफ़्त में हँसी दिल की
ख़ू...
हर हाल में रहा जो तिरा आसरा मुझे
हर हाल में रहा जो तिरा आसरा मुझे
मायूस कर सका न हुजूम-ए-बला मुझे
हर नग़्मे ने उन्हीं की तलब का दिया पयाम
हर साज़ ने उन्हीं...
वो चुप हो गए मुझसे क्या कहते-कहते
वो चुप हो गए मुझसे क्या कहते-कहते
कि दिल रह गया मुद्दआ कहते-कहते
मेरा इश्क़ भी ख़ुदग़रज़ हो चला है
तेरे हुस्न को बेवफ़ा कहते-कहते
शब-ए-ग़म किस आराम...
कृष्ण
मथुरा कि नगर है आशिक़ी का
दम भरती है आरज़ू इसी का
हर ज़र्रा-ए-सर-ज़मीन-ए-गोकुल
दारा है जमाल-ए-दिलबरी का
बरसाना-ओ-नंद-गाँव में भी
देख आए हैं जल्वा हम किसी का
पैग़ाम-ए-हयात-ए-जावेदाँ था
हर...