Tag: Himani Kulkarni
इस बार जब प्रेम करेंगे
'Is Baar Jab Prem Karenge', a poem by Himani Kulkarniइस बार जब प्रेम करेंगे
तो तुम और मैं अकेले नहीं आएँगे
हम लाएँगे पुराने रिश्तों से अमानत...
कहाँ अगला ठौर, राही?
मुँह अँधेरे चल पड़े हो
कहाँ अगला ठौर, राही?
कहाँ अगला मील का पत्थऱ
जो कह दे श्वास भर लो
कहाँ अगली मोड़ जिससे
पाँव पगडंडी पकड़ लें
और कितनी...
एक न-बुरा सा दिन
सबसे बुरे दिनों में आता है ख्याल
कि अब तक के सारे दिन नहीं थे इतने बुरे
ख्याल आता है कि इकहरे बुरे दिनों का होना...