Tag: Hindi kavita

Peacock

देखेगा कौन?

बगिया में नाचेगा मोर, देखेगा कौन? तुम बिन ओ मेरे चितचोर, देखेगा कौन? नदिया का यह नीला जल, रेतीला घाट, झाऊ की झुरमुट के बीच, यह सूनी बाट, रह-रहकर उठती...
Eid Mubarak - Kedarnath Agarwal

ईद मुबारक

हमको, तुमको, एक-दूसरे की बाहों में बँध जाने की ईद मुबारक। बँधे-बँधे, रह एक वृंत पर, खोल-खोल कर प्रिय पंखुरियाँ कमल-कमल-सा खिल जाने की, रूप-रंग से मुसकाने की हमको, तुमको ईद मुबारक। और जगत के इस जीवन के खारे पानी के...
Girl, Woman, Leaf, Fragrance, High

आँखों की धुंध में

'Aankhon Ki Dhundh Mein', Hindi Kavita by Bhuvaneshwar आँखों की धुँध में उड़ती-सी अफ़वाह का एक अजब मज़ाक है यह पिघलते हुए दिल और नमाई हुई रोटी का हीरा तो खान...

अंकिता वर्मा की कविताएँ

फ़िक्शन बुरांश उल्कापिंड के गीले-गीले दीप उदासीन गीत तारिकाएँ हताशा का अरण्य देजा वू  
Om Prakash Valmiki

ठाकुर का कुआँ

'Thakur Ka Kuan', a poem by Omprakash Valmiki चूल्‍हा मिट्टी का मिट्टी तालाब की तालाब ठाकुर का भूख रोटी की रोटी बाजरे की बाजरा खेत का खेत ठाकुर का बैल ठाकुर का हल...
bijli fail hone par - bedhab banarasi

बिजली फेल होने पर

'बिजली फेल होने पर' - बेढब बनारसी फेल बिजली हो गयी है रात मेरे ही भवन में आज आकर खो गयी है आ रही थीं वह लिए...
Leaf, Autumn, Plant

ओ अपाहिज आस्थाओं

ओ अपाहिज आस्थाओ! घुटन-कुण्ठा-अहम् भुभुक्षा की चौकोर शैयां पर लेटी रहो- चीखो नहीं, यह नहीं होगा कि- मैं तुम पर दया करने तुम्हारे पायताने लौट आऊँ, जीव हत्या के बहाने से...
Subhadra Kumari Chauhan

व्याकुल चाह

सोया था संयोग उसे किस लिए जगाने आए हो? क्या मेरे अधीर यौवन की प्यास बुझाने आए हो? रहने दो, रहने दो, फिर से जाग उठेगा वह अनुराग, बूँद-बूँद से...
Hariaudh

एक बूँद

ज्यों निकल कर बादलों की गोद से थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी सोचने फिर-फिर यही जी में लगी, आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों बढ़ी? देव...
Jyoti Shobha

ज्योति शोभा की कविताएँ

आमंत्रण की कला दस्तक का आधा रस किवाड़ सोख लेता है शेष आधा टपक जाता है पककर इस ऋतु ऊपर के ताखे में संकोच रखकर सोती है देह अलमारियों...
Mudit Shrivastava

पाँच कविताएँ

ख्यालों को बहने दो ख्यालों को बहने दो, बनके नदिया, किसी प्यासे तक पहुंचेंगे उड़ने दो, बनके चिड़िया आसमानों में किसी सुनसान कानों में जा के चहकेंगे.. गाँव को देखा हमने तुमने गाँव को...
Gaurav Adeeb

गौरव अदीब की नयी कविताएँ

गौरव अदीब की कुछ नयी कविताएँ 1) टाइम मशीन कविता के लिए: कई बार तुम्हारी ओर से मैंने ख़ुद को लिखा पत्र लिखीं कुछ कवितायेँ भी तुम्हारी कहानी ख़ुद...
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