Tag: Hindi kavita
देखेगा कौन?
बगिया में नाचेगा मोर,
देखेगा कौन?
तुम बिन ओ मेरे चितचोर,
देखेगा कौन?
नदिया का यह नीला जल, रेतीला घाट,
झाऊ की झुरमुट के बीच, यह सूनी बाट,
रह-रहकर उठती...
ईद मुबारक
हमको,
तुमको,
एक-दूसरे की बाहों में
बँध जाने की
ईद मुबारक।
बँधे-बँधे,
रह एक वृंत पर,
खोल-खोल कर प्रिय पंखुरियाँ
कमल-कमल-सा
खिल जाने की,
रूप-रंग से मुसकाने की
हमको,
तुमको
ईद मुबारक।
और
जगत के
इस जीवन के
खारे पानी के...
आँखों की धुंध में
'Aankhon Ki Dhundh Mein', Hindi Kavita by Bhuvaneshwar
आँखों की धुँध में उड़ती-सी
अफ़वाह का एक अजब मज़ाक है
यह पिघलते हुए दिल और
नमाई हुई रोटी का
हीरा तो खान...
अंकिता वर्मा की कविताएँ
फ़िक्शन
बुरांश
उल्कापिंड के गीले-गीले दीप
उदासीन गीत
तारिकाएँ
हताशा का अरण्य
देजा वू
ठाकुर का कुआँ
'Thakur Ka Kuan', a poem by Omprakash Valmiki
चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब ठाकुर का
भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का
बैल ठाकुर का
हल...
बिजली फेल होने पर
'बिजली फेल होने पर' - बेढब बनारसी
फेल बिजली हो गयी है
रात मेरे ही भवन में आज आकर खो गयी है
आ रही थीं वह लिए...
ओ अपाहिज आस्थाओं
ओ अपाहिज आस्थाओ!
घुटन-कुण्ठा-अहम्
भुभुक्षा की चौकोर शैयां पर लेटी रहो-
चीखो नहीं,
यह नहीं होगा कि-
मैं तुम पर दया करने
तुम्हारे पायताने लौट आऊँ,
जीव हत्या के बहाने से...
व्याकुल चाह
सोया था संयोग उसे
किस लिए जगाने आए हो?
क्या मेरे अधीर यौवन की
प्यास बुझाने आए हो?
रहने दो, रहने दो, फिर से
जाग उठेगा वह अनुराग,
बूँद-बूँद से...
एक बूँद
ज्यों निकल कर बादलों की गोद से
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों बढ़ी?
देव...
ज्योति शोभा की कविताएँ
आमंत्रण की कला
दस्तक का आधा रस किवाड़ सोख लेता है
शेष आधा टपक जाता है
पककर इस ऋतु
ऊपर के ताखे में संकोच रखकर सोती है देह
अलमारियों...
पाँच कविताएँ
ख्यालों को बहने दो
ख्यालों को बहने दो,
बनके नदिया,
किसी प्यासे तक पहुंचेंगे
उड़ने दो,
बनके चिड़िया आसमानों में
किसी सुनसान कानों में
जा के चहकेंगे..
गाँव को देखा
हमने तुमने
गाँव को...
गौरव अदीब की नयी कविताएँ
गौरव अदीब की कुछ नयी कविताएँ
1)
टाइम मशीन कविता के लिए:
कई बार तुम्हारी ओर से मैंने ख़ुद को लिखा पत्र
लिखीं कुछ कवितायेँ भी
तुम्हारी कहानी ख़ुद...