Tag: Hindi poetry
शून्य
भीतर जो शून्य है
उसका एक जबड़ा है
जबड़े में माँस काट खाने के दाँत हैं;
उनको खा जाएँगे,
तुमको खा जाएँगे।
भीतर का आदतन क्रोधी अभाव वह
हमारा स्वभाव है,
जबड़े...
कहीं कभी
कहीं कभी सितारे अपने आपकी
आवाज पा लेते हैं और
आसपास उन्हें गुजरते छू लेते हैं...
कहीं कभी रात घुल जाती है
और मेरे जिगर के लाल-लाल
गहरे रंग...
कड़वा सत्य
एक लम्बी मेज़
दूसरी लम्बी मेज़
तीसरी लम्बी मेज़
दीवारों से सटी पारदर्शी शीशेवाली अलमारियाँ
मेज़ों के दोनों ओर बैठे हैं व्यक्ति
पुरुष-स्त्रियाँ
युवक-युवतियाँ
बूढ़े-बूढ़ियाँ
सब प्रसन्न हैं
कम-से-कम अभिनय उनका इंगित करता...
रोटी
रोज़ सवेरे ऑफिस जाते वक़्त
ट्रैफिक की लाल बत्ती पर गाड़ी रुकती थी
रोज़ देखती थी मैं
उस भीड़ में ज़िन्दगी से ज़द्दोज़हद करते लोगों को
कहीं ऑटो...
भोपाल में थोड़ा-थोड़ा कितना कुछ है।
भोपाल पर गौरव 'अदीब' की एक कविता
भोपाल में थोड़ा-थोड़ा कितना कुछ है
भोपाल में बहुत सारा लख़नऊ है
यहाँ ऐशबाग है, हमीदिया रोड है
यहाँ पुलिया है...
फूल और काँटा
हैं जन्म लेते जगह में एक ही,
एक ही पौधा उन्हें है पालता
रात में उन पर चमकता चाँद भी,
एक ही सी चाँदनी है डालता।
मेह उन...
देखेगा कौन?
बगिया में नाचेगा मोर,
देखेगा कौन?
तुम बिन ओ मेरे चितचोर,
देखेगा कौन?
नदिया का यह नीला जल, रेतीला घाट,
झाऊ की झुरमुट के बीच, यह सूनी बाट,
रह-रहकर उठती...
ईद मुबारक
हमको,
तुमको,
एक-दूसरे की बाहों में
बँध जाने की
ईद मुबारक।
बँधे-बँधे,
रह एक वृंत पर,
खोल-खोल कर प्रिय पंखुरियाँ
कमल-कमल-सा
खिल जाने की,
रूप-रंग से मुसकाने की
हमको,
तुमको
ईद मुबारक।
और
जगत के
इस जीवन के
खारे पानी के...
आँखों की धुंध में
'Aankhon Ki Dhundh Mein', Hindi Kavita by Bhuvaneshwar
आँखों की धुँध में उड़ती-सी
अफ़वाह का एक अजब मज़ाक है
यह पिघलते हुए दिल और
नमाई हुई रोटी का
हीरा तो खान...
अंकिता वर्मा की कविताएँ
फ़िक्शन
बुरांश
उल्कापिंड के गीले-गीले दीप
उदासीन गीत
तारिकाएँ
हताशा का अरण्य
देजा वू
ठाकुर का कुआँ
'Thakur Ka Kuan', a poem by Omprakash Valmiki
चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब ठाकुर का
भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का
बैल ठाकुर का
हल...
ओ अपाहिज आस्थाओं
ओ अपाहिज आस्थाओ!
घुटन-कुण्ठा-अहम्
भुभुक्षा की चौकोर शैयां पर लेटी रहो-
चीखो नहीं,
यह नहीं होगा कि-
मैं तुम पर दया करने
तुम्हारे पायताने लौट आऊँ,
जीव हत्या के बहाने से...