Tag: Hindi Rhymes
नानी का संदूक
नानी का संदूक निराला,
हुआ धुएँ से बेहद काला।
पीछे से वह खुल जाता है,
आगे लटका रहता ताला!
चंदन चौकी देखी उसमें,
सूखी लौकी देखी उसमें,
बाली जौ की...
मेले की सैर
मिलके चलेंगे मेले भाई
जाना नहीं अकेले भाई
धेले की पालिश मंगवाओ
कटा फटा जूता चमकाओ
बाइसिकल रस्सी से बाँधो
टोपी पर तमग़ा चिपकाओ
मुँह को बस पानी से चुपड़ो
साबुन...
चाँद
मम्मी से यों रोकर बोली
मेरी जीजी नंदा
जाऊँगी स्कूल तभी, जब
दिखला दोगी चंदा!
मम्मी बोली- चुप रह बिटिया
कहना मेरा मान,
पापा जी का हैट हटाकर
उधर देख आ...
बिल्लू का बस्ता
छोटी सी बिल्लू, छोटा सा बस्ता
ठूँसा है जिसमें काग़ज़ का दस्ता
लकड़ी का घोड़ा, रुई का भालू
चूरन की शीशी, आलू-कचालू
बिल्लू का बस्ता जिन की पिटारी
जब...
बालकवि बैरागी की बाल कविताएँ
Poems: Balkavi Bairagi
चाँद में धब्बा
गोरे-गोरे चाँद में धब्बा
दिखता है जो काला-काला,
उस धब्बे का मतलब हमने
बड़े मज़े से खोज निकाला।
वहाँ नहीं है गुड़िया-बुढ़िया
वहाँ नहीं बैठी है...