Tag: Injustice
तुम्हारे सदाचार की क्षय
व्यभिचार
सद्-आचार अर्थात श्रेष्ठ पुरुषों का आचार। श्रेष्ठ किसे कहते हैं? क्या श्रेष्ठ की कोटि में उस ग़रीब की गिनती हो सकती है जो ईमानदारी...
साढ़े तीन आने
"मैंने क़त्ल क्यों किया। एक इंसान के ख़ून में अपने हाथ क्यों रंगे, यह एक लम्बी दास्तान है। जब तक मैं उसके तमाम अवाक़िब...
आज भी
आज भी होंगे करोड़ों पर अन्याय
अत्याचार होंगे लाखों पर
इस शाम भी असंख्य सोएँगे भूखे या आधे पेट
हज़ारों-हज़ार रहेंगे बेआसरा-बेसहारा
औरतें गुज़रेंगी हर सम्भव-असम्भव अपमान से
बच्चे...
लियोपोल्ड स्टाफ की कविताएँ
Poems by Leopold Staff, a Polish poet
अनुवाद: आदर्श भूषण
क्या तुम?
तुम मुझे बुलबुल, गुलाबों और चाँद
की प्रशंसा करने से मना करते हो,
ये शायद लगते हों...