Tag: Killing

Naveen Sagar

मेरी दस्तक

यह दस्‍तक हत्‍यारे की है दूर किसी घर में उठी चीख़ों के बाद। हर तरफ़ दम साधे घरों के निहत्‍थे सन्‍नाटे भर हैं हुआ क्‍या आख़िर कि चीख़ों के इस संसार...
Ishrat Afreen

टारगेट किलिंग

चूड़ी वाले के यहाँ मैं अभी स्टूल पर बैठी ही थी साथ की दुकान के आगे इक स्कूटर रुका गोली चली सब ने फ़क़ चेहरों के साथ मुड़के देखा एक लम्हे...

अनरेपोर्टेड किलिंग

एक चौकोर सी जगह में फूलों के बीच सजी हुई है उसकी तस्वीर उसकी तस्वीर जो खुर्ची जाए तो अब भी बोल उठेगी उनके खिलाफ जिन्होंने हार चढ़ाया है काफी...
Raghuvir Sahay

रामदास

"चौड़ी सड़क गली पतली थी दिन का समय घनी बदली थी रामदास उस दिन उदास था अंत समय आ गया पास था उसे बता यह दिया गया था उसकी हत्या होगी.." देश के शासन तंत्र की कमजोरी और भ्रष्टाचार को उजागर करती यह कविता, हिन्दी की सबसे सशक्त कविताओं में से एक है.. राजनीती और प्रशासन पर जैसा रघुवीर सहाय ने लिखा, अन्यत्र इतनी आसानी से नहीं मिलता.. ज़रूर पढ़िए!
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