Tag: भाषा

Well, Water

भाषा की लिपि

'Bhasha Ki Lipi', a poem by Rashmi Saxena तुम्हें अभी और खोदने होंगे आत्मा के गहरे कुँए हृदय तल से अभी और हटानी होंगी गर्वित कठोर परतें तब कहीं जाकर ढूँढ...
Girl writing with chalk on black board in school

मेरी भाषा

'Meri Bhasha', a poem by Harshita Panchariya जब तय किए जाने लगे मानक भाषा के आधार पर श्रेष्ठ बुद्धिमत्ता के तो मैं सिर्फ़ इतना समझी कि सभ्य और असभ्य के...

मेरा ईश्वर छली नहीं है

पता नहीं कितने तरीके ईजाद किए हैं मनुष्य ने तुम्हें समृद्ध बनाने के लिए। हर कोस पर तुम्हारा स्वरूप बदला है पानी के साथ पर स्मरण रहे तुम्हारे ईश्वर ने तुम्हारी आत्मा को उतना...
Manjula Bist

स्त्री की व्यक्तिगत भाषा

'Stree Ki Vyaktigat Bhasha', a poem by Manjula Bist स्त्री ने जब अपनी भाषा चुनी तब कुछ आपत्तियाँ दर्ज हुईं... पहली आपत्ति दहलीज़ को थी अब उसे एक नियत...
Woman Reading

अपवित्रता की भाषा पानी भी जानता है

घोर जातिवादी देश में जहाँ अपवित्रता की भाषा पानी भी जानता है बच्चा भी जाना जाता है जाति के नाम से धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में विद्यालयों से ज़्यादा बनाई जाती है...
Kushagra Adwaita

अनुवाद और भाषा

Anuvaad Aur Bhasha, a poem by Kushagra Adwaita ऊर्जा कभी नष्ट नहीं होती, ऊर्जा का केवल अनुवाद सम्भव है मैं दूसरी भाषा की ऊर्जा का अपनी भाषा में अनुवाद...
Rituraj

कोड

'Code', a poem by Rituraj भाषा को उलटकर बरतना चाहिए मैं उन्हें नहीं जानता यानी मैं उन्हें बख़ूबी जानता हूँ वे बहुत बड़े और महान् लोग हैं यानी वे...
Rohit Thakur

भाषा

वह बाज़ार की भाषा थी जिसका मैंने मुस्कुराकर प्रतिरोध किया वह कोई रेलगाड़ी थी जिसमें बैठकर इस भाषा से छुटकारा पाने के लिए मैंने दिशाओं को लाँघने की कोशिश की मैंने...
Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh

हिन्दुस्तानी भाषा की उत्पत्ति

"भाषा जिस पथ से चल पड़ती है, व्याकरण उसका साक्षीमात्र है।"
Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh

ठेठ हिन्दी और बोलचाल की भाषा

अब प्रश्न यह होगा कि क्या ठेठ हिन्दी बोलचाल की भाषा कही जा सकती है? मेरा विचार है, नहीं, कारण बतलाता हूँ, सुनिये। जिन प्रान्तों...
Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh

बोलचाल की भाषा

बोलचाल की भाषा के बारे में कुछ लिखना टेढ़ी खीर है। जितने मुँह उतनी बात सुनी जाती है। यदि यह बात सत्य न हो...
Nayi kitaab - Grierson, Bhasha Aur Sahitya Chintan - Arun Kumar

अरुण कुमार कृत ‘ग्रियर्सन: भाषा और साहित्य चिंतन’

विवरण: जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन (डबलिन, आयरलैंड, 1851-1941) बहुभाषाविद् और आधुनिक भारत में भाषाओं का सर्वेक्षण करने वाले पहले भाषावैज्ञानिक थे। वे 1870 के लगभग आई.सी.एस....
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