Tag: Lockdown
जीवन की बात
मैं
इस हृदय विदारक समय में केवल
जीवन के बारे में सोचता हूँ
और उसे मेरी मृत्यु की चिन्ता लगी रहती हैजबकि मैंने कई बार कहा भी
क्या...
कविताएँ: दिसम्बर 2020
1हॉस्टल के अधिकांश कमरों के बाहर
लटके हुए हैं ताले
लटकते हुए इन तालों में
मैं आने वाला समय देख रहा हूँमैं देख रहा हूँ
कमरों के भीतर
अनियन्त्रित...
साइकिल पर टँगी ढोलक
अलसभोर जा रहा साइकिल पर बांधे
सलीक़े से मढ़ी, हरी पीली ढोलकें,
इसकी थाप पर सदियाँ गाती आयीं
अपने समय के मंगलगान
जटिल समय में सवाल यह, कौन...
कुछ जोड़ी चप्पलें, इमाम दस्ता
कुछ जोड़ी चप्पलें
उन्हें फ़र्क़ नहीं पड़ता कि
मनुष्य होने के दावे कितने झूठे पड़ चुके थे
तुम्हारी आत्म संलिप्त दानशीलता के बावजूद,
थोड़ा-सा भूगोल लिए आँखों में
वे बस...
उनके तलुओं में दुनिया का मानचित्र है
1
वे हमारे सामने थे और पीछे भी
दाएँ थे और बाएँ भी
वे हमारे हर तरफ़ थे
बेहद मामूली कामों में लगे हुए बेहद मामूली लोग
जो अपने...
शिव कुशवाहा की कविताएँ
दुनिया लौट आएगी
निःशब्दता के क्षणों ने
डुबा दिया है महादेश को
एक गहरी आशंका मेंजहाँ वीरान हो चुकी सड़कों पर
सन्नाटा बुन रहा है एक भयावह परिवेश
एक...
मैं अपने मरने के सौन्दर्य को चूक गया
एक औरत मुजफ़्फ़रपुर जंक्शन के प्लेटफ़ार्म पर
मरी लेटी है
उसका बच्चा उसके पास खेल रहा है
बच्चे की उम्र महज़ एक साल हैएक औरत की गोद में...
हम सब लौट रहे हैं
हम सब लौट रहे हैं
ख़ाली हाथ
भय और दुःख के साथ लौट रहे हैं
हमारे दिलो-दिमाग़ में
गहरे भाव हैं पराजय के
इत्मीनान से आते समय
अपने कमरे को भी...
कविताएँ – मई 2020
कोरोना के बारे में जानती थी दादी
मेरी बूढ़ी हो चली दादी को
हो गयी थी सत्तर वर्ष पहले ही
कोरोना वायरस के आने की ख़बरवो कह...
और कितनी सुविधा लेगें
हर त्रासदी में ये पेट खोलकर बैठ जाते हैं
बहुत बड़ा होता है इनका पेटइतना बड़ा कि ख़रबों के ख़र्च से बना स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी भी...
आइसोलेशन के अन्तिम पृष्ठ
आइसोलेशन के अन्तिम पृष्ठ
(श्रमिक)
अप्रैल के नंगे-नीले दरख़्तों और टहनियों से प्रक्षालित
ओ विस्तृत आकाश!
अपने प्रकाश के चाकुओं से
मुझ पर नक़्क़ाशी करो...सम्बोधन हे! अरे!1हम अपनी कल्पनाओं में छोटी-छोटी...
आजकल, वे लौट रहे हैं मानो लौट रही हों हताश चींटियाँ
आजकल
1रेंग रहा है यह वक़्त
मेरे जिस्म पर कीड़े की तरह
अपनी हथेलियों से लगातार
मैं इसे झटकने की कोशिश कर रहा हूँ...2वृक्ष की शाख़ से टूटकर...