Tag: Maa
माँ
"मैं नहीं जानता
क्योंकि नहीं देखा है कभी-
पर, जो भी
जहाँ भी चिंता भरी आँखें लिये निहारता होता है
दूर तक का पथ-
वही,
हाँ, वही है माँ!"
ममता
माँ की आँखें
वो निश्छल, निर्गुण-सी आँखें
आँख कहाँ होती है
वो होती है
एक पात्र जलमग्न
अविरल जिसमें बहती है
ममतामयी धारा
और छलक आती है पल में
मोती-सी पावन बूँदें
जरा...