Tag: memories
याद
आज सूरज ने कुछ घबराकर रोशनी की एक खिड़की खोली
बादल की एक खिड़की बन्द की और अँधेरे की सीढ़ियाँ उतर गया
आसमान की भवों पर...
कविताएँ : जुलाई 2020
माँ ने नहीं देखा है शहर
गुज़रता है मोहल्ले से
जब कभी कोई फेरीवाला
हाँक लगाती है उसे मेरी माँ
माँ ख़रीदती है
रंग-बिरंगे फूलों की छपाई वाली चादर
और...
‘जीवन के दिन’ से कविताएँ
कविता संग्रह: 'जीवन के दिन' - प्रभात
चयन व प्रस्तुति: अमर दलपुरा
याद
मैं ज़मीन पर लेटा हुआ हूँ
पर बबूल का पेड़ नहीं है यहाँ
मुझे उसकी याद...
स्मृति का अस्तबल
'Smriti Ka Astbal', a poem by Nirmal Gupt
स्मृति के अस्तबल में हिनहिना रहे हैं
बीमार, अशक्त और उदास घोड़े
अतीत की सुनहरी पन्नी में लिपटे
इन घोड़ों...
स्मृतियों की जेल से एक क़ैदी का ख़त
मेरी उदासी में, तुम ऊष्मा थी
ठिठुरती ज़िन्दगी की उम्मीद
जिस पर मैं अपना मन सेंकता था...
तुम्हारी मौजूदगी मेरे बहुत अकेलेपन को
किसी जादू की तरह,
कम अकेलेपन में...
स्मृतियाँ, आग
Poems: Harshita Panchariya
स्मृतियाँ
देह के संग्रहालय में
स्मृतियाँ अभिशाप हैं
और यह जानते हुए भी
मैं स्मृतियों की शृंखला
जोड़ने में लगी हूँ
सम्भवतः 'जोड़ने की कोशिश'
तुम्हें भुलाने की क़वायद में
एकमात्र...
भ्रम
स्मृतियों में
सहेजने के तौर पर
दिए गए सभी चुम्बन
पीड़ा में ऐसे भ्रम बनाए रखते हैं,
मानो आँख खुलते ही
ईश्वर सामने नज़र आ जाएगा।
यूँ बंद आँखों के...
सारे काम निपटाकर तुम्हें याद करने बैठा
सारे काम निपटाकर तुम्हें याद करने बैठा।
फ़ुर्सत ही नहीं देते लोग
तुम्हारे चेहरे पर नज़र टिकायी नहीं कि कोई आ गया
'क्या कर रहे हैं?'
'कुछ भी तो...
स्मृतियों की धूप
'Smritiyon Ki Dhoop', a poem by Mridula Singh
ऑटो के पीछे
हिलते हुए पोस्टर की तरह तुम्हारा प्रेम
समय की दहलीज़ पर
डगमगाता-सा है
तुम्हें पता है कि
इससे विलग करती...
बारिश के दिनों में नदी का स्मृति-गीत
'Barish Ke Dino Mein Nadi Ka Smriti Geet', Hindi Kavita by Prabhat Milind
1
स्वप्न में बहती है चौड़े पाट की एक नदी
बेआवाज़ याद का कंकड़...
प्रभात की कविताएँ
क़स्बे का कवि
वह कोई अधिकारी नहीं है कि लोग
जी सर, हाँ सर कहते हुए काँपें उसके सामने
नेता नहीं है कि इंसानों का समूह
पालतू कुत्तों के...
पुराने मकान
'Purane Makaan', Hindi Kavita by Mukesh Prakash
पुराने मकानों के किवाड़ मत खोलो
सफ़ेद चादरों पे जमी धूल के नीचे
दफ़न, तुम्हारी यादें अभी
साँसें ले रही हैं...
हिज़्र...