Tag: Metered Poems

Allama Iqbal

एक आरज़ू

दुनिया की महफ़िलों से उक्ता गया हूँ या रब क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो शोरिश से भागता हूँ दिल ढूँढता है...
Jaishankar Prasad

हिमाद्रि तुंग शृंग से

हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती स्वयं-प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती 'अमर्त्य वीर पुत्र- हो दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!' असंख्य...
Amir Khusrow

चल खुसरो घर आपने

'Chal Khusro Ghar Aapne'  poetry by Amir Khusro खुसरो रैन सुहाग की, जागी पी के संग। तन मेरो मन पियो को, दोउ भए एक रंग॥ खुसरो दरिया प्रेम...
Shivangi Goel

तुझे लगता है मुझे होश है, मैं ज़िंदा हूँ?

तुझे लगता है मुझे होश है, मैं ज़िंदा हूँ? सामने आएगा तो मरता हुआ पायेगा मुझे सेज फूलों से नहीं 'कै' से भरी होगी मेरी और उस...
Mukut Bihari Saroj

गणित का गीत

हो गया है हर इकाई का विभाजन राम जाने गिनतियाँ कैसे बढ़ेंगी? अंक अपने आप में पूरा नहीं है इसलिए कैसे दहाई को पुकारे मान, अवमूल्यित हुआ है...
Giving Flower, Love, Joy, Happiness, Flower

प्यार को नमन करो!

"पालकी सजी कभी, प्यार के लिए सजी बाँसुरी बजी कभी, प्यार के लिए बजी स्वप्न जो जगे कहीं, प्यार के लिए जगे प्राण जो ठगे कहीं, प्यार के लिए ठगे.."
Gopaldas Neeraj

गोपालदास नीरज के दोहे

हम तो बस इक पेड़ हैं, खड़े प्रेम के गाँव ख़ुद तो जलते धूप में, औरों को दें छाँव आत्मा के सौंदर्य का, शब्द रूप है...
Gopaldas Neeraj

स्वर्ग दूत से (ऐसी क्या बात है)

ऐसी क्या बात है, चलता हूँ अभी चलता हूँ गीत एक और ज़रा झूम के गा लूँ तो चलूँ! भटकी-भटकी है नज़र, गहरी-गहरी है निशा उलझी-उलझी है...
Anjum Azmi

देवदास

ज़िंदगी इश्क़ की वहशत-भरा अफ़्साना थी मेरे हाथों में वो इक ज़हर का पैमाना थी रूह का ग़म मा-ए-गुलफ़ाम से कम क्या होता कोई तिरयाक ब-जुज़ वस्ल-ए-सनम...
Amir Khusrow

आ साजन मोरे नयनन में

आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ। न मैं देखूँ औरन को, न तोहे देखन दूँ॥ अपनी छवि बनाई के जो मैं पी...
Harishankar Parsai

शूल से है प्यार मुझको, फूल पर कैसे चलूं मैं?

हास्य और तंज़ को पलटकर देखा जाए तो संवेदना और मर्म कोने में कहीं छिपकर बैठे होते हैं.. अपने तीखे और मारक चोट करने वाले व्यंग्य के लिए जाने जाने वाले हरिशंकर परसाई ने कविताएँ भी लिखी हैं जिनका विषय जितना सामाजिक है, उतना ही व्यैक्तिक.. पढ़िए उन्हीं में एक कविता..
Sahir Ludhianvi

मैंने जो गीत तेरे प्यार की ख़ातिर लिक्खे

'Maine Jo Geet Tere Pyar Ki Khatir' a nazm by Sahir Ludhianvi मैंने जो गीत तेरे प्यार की ख़ातिर लिक्खे आज उन गीतों को बाज़ार में ले...
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