Tag: Metered Poems

Ibne Insha

इब्ने इंशा के कवित्त

1 जले तो जलाओ गोरी, पीत का अलाव गोरी अभी न बुझाओ गोरी, अभी से बुझाओ ना। पीत में बिजोग भी है, कामना का सोग भी है पीत...
Shamim Karhani

खण्डहर

इसी उदास खण्डहर के उदास टीले पर जहाँ पड़े हैं नुकीले से सुरमई कंकर जहाँ की ख़ाक पे शबनम के हार बिखरे हैं शफ़क़ की नर्म किरन...
Talib Khundmiri

खटमलों की फ़रियाद

एक दिन एक जोंक से कुछ खटमलों ने ये कहा दीजिए ख़ाला हमें भी कोई ऐसा मशवरा अब बजाए खून कोई और ही शै पी सकें आदमी...
Makhanlal Chaturvedi

भाई, छेड़ो नहीं, मुझे

भाई, छेड़ो नहीं, मुझे खुलकर रोने दो, यह पत्थर का हृदय आँसुओं से धोने दो, रहो प्रेम से तुम्हीं मौज से मंजु महल में, मुझे दुःखो की इसी झोपड़ी में सोने...
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