Tag: Metered Poems
इब्ने इंशा के कवित्त
1
जले तो जलाओ गोरी, पीत का अलाव गोरी
अभी न बुझाओ गोरी, अभी से बुझाओ ना।
पीत में बिजोग भी है, कामना का सोग भी है
पीत...
खण्डहर
इसी उदास खण्डहर के उदास टीले पर
जहाँ पड़े हैं नुकीले से सुरमई कंकर
जहाँ की ख़ाक पे शबनम के हार बिखरे हैं
शफ़क़ की नर्म किरन...
खटमलों की फ़रियाद
एक दिन एक जोंक से कुछ खटमलों ने ये कहा
दीजिए ख़ाला हमें भी कोई ऐसा मशवरा
अब बजाए खून कोई और ही शै पी सकें
आदमी...
भाई, छेड़ो नहीं, मुझे
भाई, छेड़ो नहीं, मुझे खुलकर रोने दो,
यह पत्थर का हृदय आँसुओं से धोने दो,
रहो प्रेम से तुम्हीं मौज से मंजु महल में,
मुझे दुःखो की इसी झोपड़ी में सोने...