Tag: Metered Poems
गाओ
मेरे उर के तार बजाकर जब जी चाहा
तुमने गाया गीत। मौन मैं सुनने वाला
कृपापात्र हूँ सदा तुम्हारा, चुनने वाला
स्वर-सुमनों का। भीड़ भरा है, जो...
घृणा का गान
सुनो, तुम्हें ललकार रहा हूँ, सुनो घृणा का गान!
तुम, जो भाई को अछूत कह वस्त्र बचाकर भागे
तुम, जो बहिनें छोड़ बिलखती, बढ़े जा रहे...
प्रार्थना बनी रहीं
रोटियाँ ग़रीब की, प्रार्थना बनी रहीं!
एक ही तो प्रश्न है रोटियों की पीर का
पर उसे भी आसरा आँसुओं के नीर का
राज है ग़रीब का,...
इतना मालूम है
अपने बिस्तर पे बहुत देर से मैं नीम-दराज़
सोचती थी कि वो इस वक़्त कहाँ पर होगा
मैं यहाँ हूँ मगर उस कूचा-ए-रंग-ओ-बू में
रोज़ की तरह...
कभी-कभी मिरे दिल में ख़याल आता है
कभी-कभी मिरे दिल में ख़याल आता है
कि ज़िन्दगी तिरी ज़ुल्फ़ों की नर्म छाँव में
गुज़रने पाती तो शादाब हो भी सकती थी
ये तीरगी जो मिरी...
सियाह चाँद के टुकड़ों को मैं चबा जाऊँ
सियाह चाँद के टुकड़ों को मैं चबा जाऊँ
सफ़ेद सायों के चेहरों से तीरगी टपके
उदास रात के बिच्छू पहाड़ चढ़ जाएँ
हवा के ज़ीने से तन्हाइयाँ...
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है
ये महलों, ये तख़्तों, ये ताजों की दुनिया
ये इंसाँ के दुश्मन समाजों की दुनिया
ये दौलत के भूखे रिवाजों की दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाए...
आज पहली बात
आज पहली बात पहली रात साथी
चाँदनी ओढ़े धरा सोयी हुई है
श्याम अलकों में किरण खोयी हुई है
प्यार से भीगा प्रकृति का गात साथी
आज पहली बात पहली...
ज़फ़र गोरखपुरी के दोहे
दोहे: किताब 'मिट्टी को हँसाना है' से
उर्दू से हिन्दी लिप्यन्तरण एवं प्रस्तुति: आमिर विद्यार्थी
तेरे मेरे ख़ून की, क़ीमत कौन लगाए
साहूकार से जो बचे, सड़कों...
स्नेह मेरे पास है
स्नेह मेरे पास है, लो स्नेह मुझसे लो!
चल अन्धेरे में न जीवन दीप ठुकराओ
साँस के संचित फलों को यों न बिखराओ
पत्थरों से बन्धु अपना सिर...
कुत्ते
ये गलियों के आवारा बेकार कुत्ते
कि बख़्शा गया जिनको ज़ौक़-ए-गदाई
ज़माने की फटकार सरमाया इनका
जहाँ-भर की दुत्कार इनकी कमाई
न आराम शब को, न राहत सवेरे
ग़लाज़त...
रोग पुराण
ये सूखे बदन और ये बीमार बचपन
जवाँ हैं अपाहिज, बुढ़ापा अजीरन
ये भारत की जनता, ये जनता का जीवन
है कैसा ये जीवन ज़रा ये बताओ।
ये...