Tag: Metered Poetry
आज तो मन अनमना
आज तो मन अनमना गाता नहीं
ख़ुद बहल औरों को बहलाता नहीं
आदमी मिलना बहुत मुश्किल हुआ
और मिलता है तो रह पाता नहीं
ग़लतियों पर ग़लतियाँ करते...
मेहनतकशों का गीत
किसकी मेहनत और मशक़्क़त
किसके मीठे-मीठे फल हैं?
अपनी मेहनत और मशक़्क़त
उनके मीठे-मीठे फल हैं!
किसने ईंट-ईंट जोड़ी हैं
किसके आलीशान महल हैं?
हमने ईंट-ईंट जोड़ी हैं
उनके आलीशान महल...
मन के पास रहो
तन की दूरी क्या कर लेगी
मन के पास रहो तुम मेरे
देख रहा हूँ मैं धरती से
दूर बहुत है चाँद बिचारा
किन्तु कहा करता है मन...
धिक्कार है
आँख मूँद जो राज चलावै
अंधरसट्ट जो काज चलावै
कहे-सुने पर बाज न आवै
सब का चूसै—लाज न लावै
ऐसे अँधरा को धिक्कार!
राम-राम है बारम्बार!!
कानों में जो रुई...
दिल में इक लहर सी उठी है अभी
दिल में इक लहर-सी उठी है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी
कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी
और ये चोट भी नई है अभी
शोर...
अरे, अब ऐसी कविता लिखो
अरे, अब ऐसी कविता लिखो
कि जिसमें छन्द घूमकर आए
घुमड़ता जाए देह में दर्द
कहीं पर एक बार ठहराए
कि जिसमें एक प्रतिज्ञा करूँ
वही दो बार शब्द बन...
दुख कहाँ से आ रहे बतलाइए
दुख कहाँ से आ रहे बतलाइए
और कब तक जा रहे बतलाइए
भूख कब से द्वार पर बैठी हुई
आप कब से खा रहे बतलाइए
काम से जो...
हलधर धरती जोतो रे
हलधर धरती जोतो रे
हलधर धरती जोतो रे
आज धरा पे कष्ट बड़ा है
अंत बड़ा नज़दीक खड़ा है
उसका आना रोको रे
हलधर धरती जोतो रे
हलधर धरती जोतो...
निवाला
माँ है रेशम के कारख़ाने में
बाप मसरूफ़ सूती मिल में है
कोख से माँ की जब से निकला है
बच्चा खोली के काले दिल में है
जब...
हम-तुम
जीवन कभी सूना न हो
कुछ मैं कहूँ, कुछ तुम कहो।
तुमने मुझे अपना लिया
यह तो बड़ा अच्छा किया,
जिस सत्य से मैं दूर था
वह पास तुमने...
आमादगी
एक-इक ईंट गिरी पड़ी है
सब दीवारें काँप रही हैं
अन-थक कोशिशें मेमारों की
सर को थामे हाँफ रही हैं
मोटे-मोटे शहतीरों का
रेशा-रेशा छूट गया है
भारी-भारी जामिद पत्थर
एक-इक करके...
ओ मेरे सब अपनो तुमसे
ओ मेरे सब अपनो तुमसे
मुझे बग़ावत करनी होगी!
अब तक जी ली गई उमर को
मैंने तीखी धूप खिलायी,
सूरज की सौगंध मुझे है
मैंने भर-भर प्यास पिलायी,
अब...