Tag: Metered Poetry
मेले की सैर
मिलके चलेंगे मेले भाई
जाना नहीं अकेले भाई
धेले की पालिश मंगवाओ
कटा फटा जूता चमकाओ
बाइसिकल रस्सी से बाँधो
टोपी पर तमग़ा चिपकाओ
मुँह को बस पानी से चुपड़ो
साबुन...
दोनों ओर प्रेम पलता है
दोनों ओर प्रेम पलता है।
सखि, पतंग भी जलता है
हा! दीपक भी जलता है!
सीस हिलाकर दीपक कहता-
"बन्धु वृथा ही तू क्यों दहता?"
पर पतंग पड़ कर...
परिचय की गाँठ
कविता संग्रह 'तुम्हें सौंपता हूँ' से
यूँ ही कुछ मुस्काकर तुमने
परिचय की वो गाँठ लगा दी!
था पथ पर मैं भूला-भूला
फूल उपेक्षित कोई फूला
जाने कौन लहर थी उस...
जागो प्यारे
उठो लाल अब आँखें खोलो,
पानी लायी हूँ, मुँह धो लो
बीती रात कमल दल फूले,
उनके ऊपर भँवरे डोले
चिड़िया चहक उठी पेड़ पर,
बहने लगी हवा अति सुन्दर
नभ में...
बिल्लू का बस्ता
छोटी सी बिल्लू, छोटा सा बस्ता
ठूँसा है जिसमें काग़ज़ का दस्ता
लकड़ी का घोड़ा, रुई का भालू
चूरन की शीशी, आलू-कचालू
बिल्लू का बस्ता जिन की पिटारी
जब...
दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए
दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए
दोस्ती दुश्मनी न हो जाए
तुम मिरी दोस्ती का दम न भरो
आसमाँ मुद्दई न हो जाए
बैठता है हमेशा रिंदों में
कहीं...
मेरी हस्ती मेरा नील कमल
मेरे ख़्वाब जज़ीरे के अंदर
इक झील थी निथरे पानी की
इस झील किनारे पर सुन्दर
इक नील कमल जो खिलता था
इस नील कमल के पहलू में
इक...
बोल! अरी ओ धरती बोल!
बोल! अरी ओ धरती बोल!
राज सिंहासन डाँवाडोल!
बादल बिजली रैन अँधयारी
दुख की मारी प्रजा सारी
बूढ़े बच्चे सब दुखिया हैं
दुखिया नर हैं दुखिया नारी
बस्ती बस्ती लूट...
फूल और काँटा
हैं जन्म लेते जगह में एक ही,
एक ही पौधा उन्हें है पालता
रात में उन पर चमकता चाँद भी,
एक ही सी चाँदनी है डालता।
मेह उन...
इक बार कहो तुम मेरी हो
हम घूम चुके बस्ती बन में
इक आस की फाँस लिए मन में
कोई साजन हो, कोई प्यारा हो
कोई दीपक हो, कोई तारा हो
जब जीवन रात...
एक बूँद
ज्यों निकल कर बादलों की गोद से
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों बढ़ी?
देव...
घंटा
नभ की उस नीली चुप्पी पर
घंटा है एक टंगा सुन्दर,
जो घड़ी-घड़ी मन के भीतर
कुछ कहता रहता बज बज कर।
परियों के बच्चों से प्रियतर,
फैला कोमल ध्वनियों...