Tag: Metered Poetry

Billu Ka Basta

मेले की सैर

मिलके चलेंगे मेले भाई जाना नहीं अकेले भाई धेले की पालिश मंगवाओ कटा फटा जूता चमकाओ बाइसिकल रस्सी से बाँधो टोपी पर तमग़ा चिपकाओ मुँह को बस पानी से चुपड़ो साबुन...
Maithili Sharan Gupt

दोनों ओर प्रेम पलता है

दोनों ओर प्रेम पलता है। सखि, पतंग भी जलता है हा! दीपक भी जलता है! सीस हिलाकर दीपक कहता- "बन्धु वृथा ही तू क्यों दहता?" पर पतंग पड़ कर...
Trilochan

परिचय की गाँठ

कविता संग्रह 'तुम्हें सौंपता हूँ' से यूँ ही कुछ मुस्काकर तुमने परिचय की वो गाँठ लगा दी! था पथ पर मैं भूला-भूला फूल उपेक्षित कोई फूला जाने कौन लहर थी उस...
Hariaudh

जागो प्यारे

उठो लाल अब आँखें खोलो, पानी लायी हूँ, मुँह धो लो बीती रात कमल दल फूले, उनके ऊपर भँवरे डोले चिड़िया चहक उठी पेड़ पर, बहने लगी हवा अति सुन्दर नभ में...
Billu Ka Basta

बिल्लू का बस्ता

छोटी सी बिल्लू, छोटा सा बस्ता ठूँसा है जिसमें काग़ज़ का दस्ता लकड़ी का घोड़ा, रुई का भालू चूरन की शीशी, आलू-कचालू बिल्लू का बस्ता जिन की पिटारी जब...
Bekhud Badayuni

दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए

दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए दोस्ती दुश्मनी न हो जाए तुम मिरी दोस्ती का दम न भरो आसमाँ मुद्दई न हो जाए बैठता है हमेशा रिंदों में कहीं...
Parveen Tahir

मेरी हस्ती मेरा नील कमल

मेरे ख़्वाब जज़ीरे के अंदर इक झील थी निथरे पानी की इस झील किनारे पर सुन्दर इक नील कमल जो खिलता था इस नील कमल के पहलू में इक...
Majaz Lakhnavi

बोल! अरी ओ धरती बोल!

बोल! अरी ओ धरती बोल! राज सिंहासन डाँवाडोल! बादल बिजली रैन अँधयारी दुख की मारी प्रजा सारी बूढ़े बच्चे सब दुखिया हैं दुखिया नर हैं दुखिया नारी बस्ती बस्ती लूट...
Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh

फूल और काँटा

हैं जन्म लेते जगह में एक ही, एक ही पौधा उन्हें है पालता रात में उन पर चमकता चाँद भी, एक ही सी चाँदनी है डालता। मेह उन...
Ibne Insha

इक बार कहो तुम मेरी हो

हम घूम चुके बस्ती बन में इक आस की फाँस लिए मन में कोई साजन हो, कोई प्यारा हो कोई दीपक हो, कोई तारा हो जब जीवन रात...
Hariaudh

एक बूँद

ज्यों निकल कर बादलों की गोद से थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी सोचने फिर-फिर यही जी में लगी, आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों बढ़ी? देव...

घंटा

नभ की उस नीली चुप्पी पर घंटा है एक टंगा सुन्दर, जो घड़ी-घड़ी मन के भीतर कुछ कहता रहता बज बज कर। परियों के बच्चों से प्रियतर, फैला कोमल ध्वनियों...
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