Tag: Mohsin Aftab Kelapuri

चल अँधेरे के मुँह को काला कर

चल अँधेरे के मुँह को काला कर खिड़कियाँ खोल दे उजाला कर इक ना एक दिन तो काम आएंगे आस्तीनों में सांप पाला कर दें मिसालों में सब तेरी ही...

आग सीने में बड़ी तेज़ जला रख्खी है।

आग सीने में बड़ी तेज़ जला रख्खी है, मेरी शोहरत ने तेरी नींद उड़ा रख्खी है। शहर में जब से हवा चलने लगी है मेरी, मेरे दुश्मन...
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