Tag: Motivational

Morning, Sky, Birds, Sunrise, Sunset

इति नहीं होती

धीर धरना राग वन से रूठकर जाना नहीं पाँखी। फिर नए अँखुए उगेंगे इन कबन्धों में, यह धुँआ कल बदल सकता है सुगन्धों में, आस करना कुछ कटे सिर देख घबराना...
Shailendra

तू ज़िन्दा है, तू ज़िन्दगी की जीत में यक़ीन कर

तू ज़िन्दा है, तो ज़िन्दगी की जीत में यक़ीन कर अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर! सुबह औ' शाम के रंगे हुए गगन...
Man, Sad, Black, Abstract, Grief

दोपहर का भोजन

दुःख दुःख को सहना कुछ मत कहना— बहुत पुरानी बात है। दुःख सहना, पर सब कुछ कहना यही समय की बात है। दुःख को बना के एक कबूतर बिल्ली को अर्पित कर...
Mukut Bihari Saroj

सचमुच बहुत देर तक सोए

सचमुच बहुत देर तक सोए! इधर यहाँ से उधर वहाँ तक धूप चढ़ गई कहाँ-कहाँ तक लोगों ने सींची फुलवारी तुमने अब तक बीज न बोए! सचमुच बहुत देर...
Sahir Ludhianvi

वो सुब्ह कभी तो आएगी

वो सुब्ह कभी तो आएगी इन काली सदियों के सर से जब रात का आँचल ढलकेगा जब दुःख के बादल पिघलेंगे, जब सुख का सागर छलकेगा जब...
Ramavtar Tyagi

जब मिलेगी, रोशनी मुझसे मिलेगी

इस सदन में मैं अकेला ही दिया हूँ मत बुझाओ! जब मिलेगी, रोशनी मुझसे मिलेगी! पाँव तो मेरे थकन ने छील डाले अब विचारों के सहारे चल रहा...
Gopaldas Neeraj

विश्व चाहे या न चाहे

विश्व चाहे या न चाहे, लोग समझें या न समझें, आ गए हैं हम यहाँ तो गीत गाकर ही उठेंगे। हर नज़र ग़मगीन है, हर होठ ने...
Harivansh Rai Bachchan

जो बीत गई सो बात गई

'Jo Beet Gayi So Baat Gayi' by Harivanshrai Bachchan जो बीत गई सो बात गई जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो...
Shivmangal Singh Suman

तूफ़ानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

'Toofano Ki Or Ghuma Do', a poem by Shivmangal Singh Suman तूफ़ानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार! आज सिन्धु ने विष उगला है लहरों का...
Bird Silhouette

ज़िन्दगी

'Zindagi', a poem by Jaiprakash Leelwan बन्द कमरों की सीलन के भीतर क्रोध के कोरस का नाम ज़िन्दगी नहीं होता। घर से दफ़्तर और दफ़्तर से घर के बीच का सफ़र...
Rahul Boyal

तू है कुशल

'Tu Hai Kushal', a poem by Rahul Boyal यदि समय की पीठ पर घाव है तो घाव ही तू मान पर इस घाव को क़रार दे बढ़ा अपने दक्ष...
Atal Bihari Vajpayee Poem

मौत से ठन गई

'Maut Se Than Gayi', a poem by Atal Bihari Vajpayee ठन गई! मौत से ठन गई! जूझने का मेरा इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न...
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