Tag: Mysticism
जाग तुझको दूर जाना
चिर सजग आँखें उनींदी, आज कैसा व्यस्त बाना!
जाग तुझको दूर जाना!
अचल हिमगिरि के हृदय में आज चाहे कम्प हो ले
या प्रलय के आँसुओं में मौन...
अरे कहीं देखा है तुमने
अरे कहीं देखा है तुमने
मुझे प्यार करने वालों को?
मेरी आँखों में आकर फिर
आँसू बन ढरने वालों को?
सूने नभ में आग जलाकर
यह सुवर्ण-सा हृदय गलाकर
जीवन-संध्या...