Tag: Nalini Ujjain
प्रेम-प्रेमी
प्रेम लगाए लहू अधर पे
कुतर-कुतर प्रेमी को खाए,
माँस का टुकड़ा मिले दाँत में
आँख में मिले वियोग की हाय।
नयन से बहे नीर की धारा
प्रेम बेचारा सिसकत...
गोधूलि बेला
भोर बुलाए सांझ को मिलने
तन अपने एक में सिलने
अब सांझ है आधी, आधी भोर,
मिलन की बेला, मिलन विभोर।
धूल का रंग वायु में घुला है
गऊअन...