Tag: Naresh Saxena
नीम की पत्तियाँ
कितनी सुन्दर होती हैं पत्तियाँ नीम की
ये कोई कविता क्या बताएगीजो उन्हें मीठे दूध में बदल देती है
उस बकरी से पूछो,
पूछो उस माँ से
जिसने...
ईंटें
तपने के बाद वे भट्टे की समाधि से निकलीं
और एक वास्तुविद के स्वप्न में
विलीन हो गईंघर एक ईंटों भरी अवधारणा है
जी बिलकुल ठीक सुना...
मछलियाँ
एक बार हमारी मछलियों का पानी मैला हो गया था
उस रात घर में साफ़ पानी नहीं था
और सुबह तक सारी मछलियाँ मर गई थीं
हम यह...
इस बारिश में
जिसके पास चली गई मेरी ज़मीन
उसी के पास अब मेरी
बारिश भी चली गईअब जो घिरती हैं काली घटाएँ
उसी के लिए घिरती हैं
कूकती हैं कोयलें...
तुम वही मन हो कि कोई दूसरे हो
कल तुम्हें सुनसान अच्छा लग रहा था
आज भीड़ें भा रही हैं
तुम वही मन हो कि कोई दूसरे हो!गोल काले पत्थरों से घिरे उस सुनसान...
पानी क्या कर रहा है
यह कविता यहाँ सुनें:
https://youtu.be/LZ5-eEJD_8cआज जब पड़ रही है कड़ाके की ठण्ड
और पानी पीना तो दूर
उसे छूने से बच रहे हैं लोग
तो ज़रा चलकर देख...
बाँसुरी
बाँसुरी के इतिहास में
उन कीड़ों का कोई ज़िक्र नहीं
जिन्होंने भूख मिटाने के लिए
बाँसों में छेद कर दिए थेऔर जब-जब हवा उन छेदों से गुज़रती
तो बाँसों का...
गिरना
चीज़ों के गिरने के नियम होते हैं। मनुष्यों के गिरने के
कोई नियम नहीं होते।
लेकिन चीज़ें कुछ भी तय नहीं कर सकतीं
अपने गिरने के बारे...
अजीब बात
जगहें ख़त्म हो जाती हैं
जब हमारी वहाँ जाने की इच्छाएँ
ख़त्म हो जाती हैं
लेकिन जिनकी इच्छाएँ ख़त्म हो जाती हैं
वे ऐसी जगहों में बदल जाते हैं
जहाँ कोई...
औक़ात
वे पत्थरों को पहनाते हैं लंगोट
पौधों को
चुनरी और घाघरा पहनाते हैंवनों, पर्वतों और आकाश की
नग्नता से होकर आक्रांत
तरह-तरह से
अपनी अश्लीलता का उत्सव मनाते हैंदेवी-देवताओं...
आधा चाँद माँगता है पूरी रात
पूरी रात के लिए मचलता है
आधा समुद्र..
आधे चाँद को मिलती है पूरी रात
आधी पृथ्वी की पूरी रात..
आधी पृथ्वी के हिस्से में आता है
पूरा सूर्य..आधे...