Tag: Parveen Shakir
कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की
कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की
उसने ख़ुशबू की तरह मेरी पज़ीराई कीकैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उसने
बात तो सच है मगर...
आज की शब तो किसी तौर गुज़र जाएगी
आज की शब तो किसी तौर गुज़र जाएगी
रात गहरी है मगर चाँद चमकता है अभी
मेरे माथे पे तेरा प्यार दमकता है अभी
मेरी साँसों में तेरा लम्स...
पूरा दुःख और आधा चाँद
पूरा दुःख और आधा चाँद
हिज्र की शब और ऐसा चाँददिन में वहशत बहल गई
रात हुई और निकला चाँदकिस मक़्तल से गुज़रा होगा
इतना सहमा-सहमा चाँदयादों...
चाँद-रात
गए बरस की ईद का दिन क्या अच्छा था
चाँद को देखके उसका चेहरा देखा था
फ़ज़ा में 'कीट्स' के लहजे की नरमाहट थी
मौसम अपने रंग...
इतना मालूम है
अपने बिस्तर पे बहुत देर से मैं नीम-दराज़
सोचती थी कि वो इस वक़्त कहाँ पर होगा
मैं यहाँ हूँ मगर उस कूचा-ए-रंग-ओ-बू में
रोज़ की तरह...
तेरी ख़ुश्बू का पता करती है
'Teri Khushboo Ka Pata Karti Hai' | Parveen Shakirतेरी ख़ुश्बू का पता करती है
मुझ पे एहसान हवा करती हैचूमकर फूल को आहिस्ता से
मोजज़ा बाद-ए-सबा करती...
सिर्फ़ एक लड़की
अपने सर्द कमरे में
मैं उदास बैठी हूँ
नीम-वा दरीचों से
नम हवाएँ आती हैं
मेरे जिस्म को छू कर
आग सी लगाती हैं
तेरा नाम ले लेकर
मुझको गुदगुदाती हैंकाश...
जुदाई की पहली रात
'Judai Ki Pehli Raat', a nazm by Parveen Shakirआँख बोझल है
मगर नींद नहीं आती है
मेरी गर्दन में हमाइल तिरी बाँहें जो नहीं
किसी करवट भी...
ख़ुद से मिलने की फ़ुरसत किसे थी
अपनी पिंदार की किर्चियाँ
चुन सकूँगी
शिकस्ता उड़ानों के टूटे हुए पर समेटूँगी
तुझको बदन की इजाज़त से रुख़्सत करूँगी
कभी अपने बारे में इतनी ख़बर ही न...
नहीं मेरा आँचल मैला है
'Nahi Mera Aanchal Maila Hai', poetry by Parveen Shakirनहीं मेरा आँचल मेला है
और तेरी दस्तार के सारे पेच अभी तक तीखे हैं
किसी हवा ने...
मुझे मत बताना
यह नज़्म यहाँ देखें:
https://youtu.be/0mVX9amARQcमुझे मत बताना
कि तुम ने मुझे छोड़ने का इरादा किया था
तो क्यूँ
और किस वजह से
अभी तो तुम्हारे बिछड़ने का दुख भी नहीं...
आईना
लड़की सर को झुकाए बैठी
काफ़ी के प्याले में चमचा हिला रही है
लड़का हैरत और मोहब्बत की शिद्दत से पागल
लाँबी पलकों के लर्ज़ीदा सायों को
अपनी...