Tag: Periods

Cric Panda Pon Pon Pon

पीरियड का पहला दिन

समाज में टैबू समझे जाने वाले विषयों पर लिखी गई कविताएँ और कहानियाँ अक्सर उससे जुड़ी असजहता से बाहर नहीं निकल पातीं और जाने-अनजाने...

एक लाल डायरी है उसके पास

'Ek Laal Diary Hai Uske Paas', a poem by Mukesh Prakash एक लाल 'डायरी' है मेज़ में उसकी जिसमें वो कुछ लिखती है लाल स्याही से महीन में चार-पाँच दिन वो...
Fahmida Riaz

कब तक

कब तक मुझ से प्यार करोगे कब तक? जब तक मेरे रहम से बच्चे की तख़्लीक़ का ख़ून बहेगा जब तक मेरा रंग है ताज़ा जब तक मेरा...
Blood, Woman

मेरा लाल रंग

कितने कष्टकारी और त्रासद होते हैं वे चार-पाँच दिन जब- मेरी देह से अलग हो रहे होते हैं, मेरी देह के टुकड़े। कुछ टूट कर बिखरता है, नूतन का सृजन न...
Mamta Kalia

उँगलियों के पोरों पर दिन गिनती

'Ungliyon Ke Poron Par Din Ginti', a poem by Mamta Kalia उँगलियों पर गिन रही है दिन खाँटी घरेलू औरत सोनू और मुनिया पूछते हैं 'क्या मिलाती रहती...
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