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दुःखी दिनों में
दुःखी दिनों में आदमी कविता नहीं लिखता
दुःखी दिनों में आदमी बहुत कुछ करता है
लतीफ़े सुनाने से ज़हर खाने तक
लेकिन वह कविता नहीं लिखतादुःखी दिनों...
कौन बचता है
जहाँ
इस वक़्त
कवि है
कविता है,
वहाँ
जंगल है और अँधेरा है और हैं
धोखेबाज़ दिशाएँ।दुश्मन सेनाओं से बचने की कोशिश में
भटकते-भटकते
वे यहाँ आ फँसे हैं, जहाँ से
इस वक़्त
न...
काम, गंगाराम कुम्हार
काम
मेरे पास दो हाथ हैं—
दोनों काम के अभाव में
तन से चिपके निठल्ले लटके रहते हैं!इस देश की स्त्रियों के पास इतने काम हैं—
भोर से...
चिड़ियों को पता नहीं
चिड़ियों को पता नहीं कि वे
कितनी तेज़ी से प्रवेश कर रही हैं
कविताओं में।इन अपने दिनों में खासकर
उन्हें चहचहाना था
उड़ानें भरनी थीं
और घंटों गरदन में...
सिद्धार्थ बाजपेयी की कविताएँ
सुना तुम मर गए, गई रात
कोई सुबह है
किसी भी सुबह की तरह
वासंती सन्नाटा
गहरा है
और अचानक कोयल बोली
प्राणों को बेधती हुई
कलेजे में उठी हूक की...
यह सब कैसे होता है
मैंने चाहा था कि मेरी कविताएँ
नन्हें बच्चों की लोरियाँ बन जाएँ
जिन्हें युवा माएँ
शैतान बच्चों को सुलाने के लिए गुनगुनाएँमैंने चाहा था कि मेरी कविताएँ
लोकगीतों की...
नया कवि: कविता से सम्वाद
ऐसा समय जहाँ मनुष्य की आकांक्षाओं के पाँव
बढ़ते ही जा रहे हैं स्वर्ग की ओर
और धँसता जा रहा है उसका शीश पाताल में,
कई ईसामसीह...
ख़रगोश और चीते की तलाश
संग्रह 'निषेध के बाद' सेजी हाँ, आप बता नहीं सकते
कि आदमी के नाम पर
जिन वैध-अवैध शरीरों को आप देख रहे हैं
उनमें से
किसके भीतर ख़रगोश...
कविताएँ – मई 2020
गौरैया
गौरैया को देखकर
कौन चिड़िया मात्र को याद करता है?
गौरैया की चंचलता देखकर
बेटी की चंचल आँखें याद आती हैं,
पत्नी को देखता हूँ रसोई में हलकान
गौरैया...
कविताओं पर रिश्वत का आरोप है
कुछ मेरी कविताओं पर
कुछ तुम्हारी परजिन कविताओं में
शेष समर की विजय पताका
फहरा दी गई
दारुण साम्राज्यों ने
कवियों से लिखवाए अपने
ध्वजवंदन के छन्दजिन कविताओं ने टेक दिए...
जसवीर त्यागी की कविताएँ
प्रकृति सबक सिखाती है
घर के बाहर
वक़्त-बेवक़्त
घूम रहा था
विनाश का वायरस
आदमी की तलाश मेंआदमी
अपने ही पिंजरे में क़ैद थाप्रकृति, पशु-पक्षी
उन्मुक्त होकर हँस रहे थेपरिवर्तन का पहिया
घूमता...
शहर से गुज़रते हुए प्रेम, कविता पढ़ना, बेबसी
शहर से गुज़रते हुए प्रेम
मैं जब-जब शहर से गुज़रता हूँ
सोचता हूँ
किसने बसाए होंगे शहर?शायद गाँवों से भागे
प्रेमियों ने शहर बसाए होंगे
ये वो अभागे थे,
जो फिर लौटना...