Tag: Pratap Narayan Mishra
प्रश्नोत्तर
"निरा - यह तो ठीक कहते हो, पर यह विषय व्यवहार का है और हम धर्म की चर्चा किया चाहते थे।मूर्ति - व्यव्हार और धर्म में आप भेद क्या समझते हैं? हमारी समझ में तो बुद्धि और बुद्धिमानों के द्वारा अनुमोदित व्यव्हार ही का नाम धर्म है।"
मित्र कपटी भी बुरा नहीं होता
"मित्र कपटी भी बुरा नहीं होता, मिष्ठान्न विषयुक्त भी कड़ुवा नहीं होता, और हमारा लेख ऊटपटाँग भी बेमजा नहीं होता!"
पुलिस की निंदा क्यों की जाती है?
जबकि सरकार ने यह महकमा प्रजा की शांति रक्षा के मानस से नियत किया है तो इसकी निंदा लोग क्यों किया करते हैं? हम...
स्वार्थ
इस गुण को हमारे पुराने ऋषियों ने बुरा कहा है, पर हमारी समझ में इस विषय में उनका कहना अप्रमाण है, क्योंकि जो जिस...
पेट
इन दो अक्षरों की महिमा भी यदि अपरंपार न कहिए तौ भी यह तो मानना ही पड़ेगा कि बहुत बड़ी है। जितने प्राणी और...
एक सलाह
'एक सलाह' - प्रतापनारायण मिश्रहमारे मान्यवर, मित्र, 'पीयूषप्रवाह' संपादक, साहित्याचार्य पंडित अंबिकादत्त व्यास महोदय पूछते हैं कि हिन्दी भाषा में "में से के" आदि...
धोखा
"बेईमानी तथा नीतिकुशलता में इतना ही भेद है कि जाहिर हो जाए, तो बेईमानी कहलाती है और छिपी रहे, तो बुद्धिमानी है।"