Tag: Punjabi Poem
सबसे ख़तरनाक
"घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आना
सबसे ख़तरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना..."
शिव कुमार बटालवी की कविताएँ
अनुवाद: तरकश प्रदीप
एक सफ़र
(कविता संग्रह 'बिरहा तू सुलतान' से)वो भी शहर से आ रही थी
मैं भी शहर से आ रहा था
ताँगा चलता जा रहा...
पूरा एक साल
'Poora Ek Saal', a poem by Ambareeshमर्तबान में वह
भर रही है आम की
खट्टी, रसदार, महकती फाँकें
और न जाने क्यों
भला लगता है मुझे
गहरे में कहीं
लगता...