Tag: Returning Villages

Kailash Gautam

काली-काली घटा देखकर

काली-काली घटा देखकर जी ललचाता है, लौट चलो घर पंछी जोड़ा ताल बुलाता है। सोंधी-सोंधी गंध खेत की हवा बाँटती है, सीधी-सादी राह बीच से नदी काटती है, गहराता है रंग और मौसम लहराता है। लौट...
Rohit Thakur

घटना नहीं है घर लौटना

रोहित ठाकुर : तीन कविताएँ घर लौटते हुए किसी अनहोनी का शिकार न हो जाऊँ दिल्ली - बम्बई - पूना - कलकत्ता न जाने कहाँ-कहाँ से पैदल चलते...
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