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Man holding train handle

मरता हुआ आदमी

'Marta Hua Aadmi', a poem by Sanish रोज़ मरता हूँ महसूस करता हूँ, जीत के बाद का दुःख खुद को न पहचानने की पीड़ा एक त्रासद भविष्य का भय रो...
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