Tag: Shayari

Bekhud Dehlvi

सब्र आता है जुदाई में न ख़्वाब आता है

सब्र आता है जुदाई में, न ख़्वाब आता है रात आती है इलाही कि अज़ाब आता है बे-क़रारी दिल-ए-बेताब की ख़ाली तो नहीं या वो ख़ुद आते...
Bekhud Dehlvi

उठे तिरी महफ़िल से तो किस काम के उठ्ठे

उठे तिरी महफ़िल से तो किस काम के उठ्ठे दिल थाम के बैठे थे, जिगर थाम के उठ्ठे दम भर मिरे पहलू में उन्हें चैन कहाँ...
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