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हमारी नींद
मेरी नींद के दौरान
कुछ इंच बढ़ गए पेड़
कुछ सूत पौधे
अंकुर ने अपने नाम-मात्र, कोमल सींगों से
धकेलना शुरू की
बीज की फूली हुई
छत, भीतर से।
एक मक्खी...
नींद
1
घावों से भरे घर में
मरहम की एक डिबिया है
जो वक़्त पर कभी नहीं मिलती
और अंधेरे में
छटपटाता रह जाता है ज़ख़्मी मन।
2
एक बहती हुई धार में
कुछ दूर...
मृत्यु को नींद कहूँगा
अंतिम कविता
मृत्यु पर नहीं लिखूँगा
लिखूँगा जीवन पर
'अंधेरा है' को कहूँगा 'प्रकाश की अनुपस्थिति-भर'
धोखे के क्षणों में याद करूँगा बारिश, हवा, सूरज
मेरे अंदर जन्मती घृणा को
बारिश...
नींद
रात ख़ूबसूरत है
नींद क्यूँ नहीं आती!
दिन की ख़शम-गीं नज़रें
खो गईं सियाही में
आहनी कड़ों का शोर
बेड़ियों की झंकारें
क़ैदियों की साँसों की
तुंद-ओ-तेज़ आवाज़ें
जेलरों की बदकारी
गालियों की...
नींद में
कैसे मालूम कि जो नहीं रहा
उसकी मौत नींद में हुई?
कह दिया जाता है
कि वह सोते हुए शान्ति से चला गया
क्या सबूत है?
क्या कोई था उसके...
ईश्वर आख़िर जागता क्यों नहीं?
सूरज चोरी चला गया है,
एक जिस्म से ग़ायब है रीढ़ की हड्डी।
सत्य, अहिंसा, न्याय, शांति
सब किसी परीकथा के पात्र हैं शायद
और उम्मीद गूलर के...
नींद में भटकता हुआ आदमी
नींद की एकान्त सड़कों पर भागते हुए आवारा सपने
सेकेण्ड शो से लौटती हुई बीमार टैक्सियाँ
भोथरी छुरी जैसी चीख़ें
बेहोश औरत की ठहरी हुई आँखों की...
अब सो जाओ
अब सो जाओ
और अपने हाथ को मेरे हाथ में रहने दो
तुम चाँद से माथे वाले हो
और अच्छी क़िस्मत रखते हो
बच्चे की सी भोली सूरत
अब तक...
रात
सबसे पहले
शुरू होता है माँ का दिन
मुँह अंधेरे
और सबके बाद तक
चलता है
छोटी होती हैं
माँ की रातें नियम से
और दिन
नियम से लम्बे
रात में दूर तक...
नींद सुख की फिर हमें सोने न देगा
नींद सुख की
फिर हमें सोने न देगा
यह तुम्हारे नैन में तिरता हुआ जल।
छू लिए भीगे कमल
भीगी ॠचाएँ,
मन हुए गीले
बहीं गीली हवाएँ
बहुत सम्भव है डुबो...
कमाल का स्वप्न, नींद, प्रतीक्षारत
कमाल का स्वप्न
जीवन के विषय में पूछे जाने पर
दृढ़ता से कह सकता हूँ मैं
कमाल का स्वप्न था..
जैसा देखा, हुआ नहीं
जैसा हुआ, देखा नहीं!
नींद
कहानी सुनाकर
दादी...
सोना-जागना
दिन-भर के सफ़र के बाद
रात में सोने की
पुरज़ोर कोशिश करता आदमी
बड़ा मासूम लगता है
वह सोने से पहले
सुबह वक़्त पर उठने के लिए
ख़ूब तैयारी करता है,
वह अपने...