Tag: Solitude

Nitesh Vyas

त्रस्त एकान्त

स्थानान्तरण से त्रस्त एकान्त खोजता है निश्चित ठौर भीतर का कुछ निकल भागना चाहता नियत भार उठाने वाले कंधों और निश्चित दूरी नापने वाले लम्बे क़दमों को छोड़ दिन के हर...
Cobweb

जाल

मकड़ी के जालों से ज़ियादा प्रभावित किसी और चीज़ से नहीं हुआ मैं। हर बार उसे झाड़ू से या झालर से झाड़कर हटा दिया...
Night, Lonely, Alone, Road

एकान्त के स्पर्श

दूर से आती आवाज़, जिसके स्वर स्पष्ट नहीं, बस एक गूँज है—हवा में तैरती हुई। लगता है जिस हवा पर यह सवार हो आती है, उसी पर लौट...
Couple, Love, Waves, Abstract

जब कोई क्षण टूटता

वह मेरी सर्वत्रता था मैं उसका एकान्त— इस तरह हम कहीं भी अन्यत्र नहीं थे। जब कोई क्षण टूटता वहाँ होता एक अनन्तकालीन बोध उसके समयान्तर होने का मुझमें। जब कोई क्षण टूटता तब मेरा एकान्त आकाश नहीं एक छोटा-सा...
D H Lawrence

डी. एच. लॉरेंस की कविता ‘उखड़े हुए लोग’

अनुवाद: रामधारी सिंह 'दिनकर' अकेलेपन से जो लोग दुःखी हैं, वृत्तियाँ उनकी निश्चय ही, बहिर्मुखी हैं। सृष्टि से बाँधने वाला तार उनका टूट गया है; असली आनन्द का आधार छूट गया है। उद्गम...
Man, Abstract

सुबह, धुआँ, एकान्त के स्पर्श

सुबह रात भर ओस में डूबी डाल पर बैठकर चिड़िया कुछ कहकर गई है। सूर्य के ललाट से उठती किरणें धरती का तन छूती हैं और...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)