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Kahlil Gibran

खलील जिब्रान – ‘नास्तिक’

खलील जिब्रान की किताब 'नास्तिक' से उद्धरण | Quotes from 'Nastik', a book by Kahlil Gibran चयन: पुनीत कुसुम   "मेरा कोई शत्रु नहीं है, पर भगवान,...
Moon

एक तारा-विज्ञानी का प्रेम

उसे चाँद ख़ूबसूरत लगता है जबकि मुझे लुभाती हैं तारों की क़तारें तारे मेरी रोज़ी हैं जब अंधेरी रात में तारे खिलें और मेरी दूरबीन के पहलू में गिरें तो...
Firaq Gorakhpuri

सितारों से उलझता जा रहा हूँ

'Sitaron Se Ulajhta Ja Raha hoon' a ghazal by Firaq Gorakhpuri सितारों से उलझता जा रहा हूँ शब-ए-फ़ुर्क़त बहुत घबरा रहा हूँ तिरे ग़म को भी कुछ बहला...
Meeraji

चाँद सितारे क़ैद हैं सारे

'Chand Sitare Qaid Hain Sare Waqt Ke Bandikhaane Mein', a ghazal by Meeraji चाँद सितारे क़ैद हैं सारे वक़्त के बंदी-ख़ाने में लेकिन मैं आज़ाद हूँ...
Mahadevi Verma

क्यों इन तारों को उलझाते?

क्यों इन तारों को उलझाते? अनजाने ही प्राणों में क्यों आ-आकर फिर जाते? पल में रागों को झंकृत कर, फिर विराग का अस्फुट स्वर भर, मेरी लघु जीवन वीणा...
Woman, Bed, Night, Lights

तुम्हारी हथेली का चाँद

इस घुप्प घने अँधेरे में जब मेरी देह से एक-एक सितारा निकलकर लुप्त हो रहा होता है आसमान में तुम्हारी हथेली का चाँद, चुपके-से चुनता है, वो एक-एक सितारा...
Subhadra Kumari Chauhan

झिलमिल तारे

कर रहे प्रतीक्षा किसकी हैं झिलमिल-झिलमिल तारे? धीमे प्रकाश में कैसे तुम चमक रहे मन मारे। अपलक आँखों से कह दो किस ओर निहारा करते? किस प्रेयसि पर तुम अपनी मुक्तावलि...
Brij Narayan Chakbast

हम सोचते हैं रात में तारों को देखकर

हम सोचते हैं रात में तारों को देखकर शमएँ ज़मीन की हैं जो दाग़ आसमाँ के हैं जन्नत में ख़ाक बादा-परस्तों का दिल लगे नक़्शे नज़र में...

तारिकाएँ

तारिकाओं की अपनी कोई अलग दुनिया है क्या? यह जो शाम का एक सितारा आकाश की खिड़की से गुपचुप तरीके से धरती पर किसी को...
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